अधिकारिक सूत्रोंं के अनुसार ठेकेदार की शिकायत के बाद उस नंबर को ट्रेस किया जा रहा था जिससे धमकी भरा फोन आया। उसकी लोकेशन लगातार गोंडबोनापाल के आसपास मिल रही थी।@Patrika. शनिवार सुबह से ही फोर्स और पुलिस की टीम ने तलाश शुरू की और उसे पकड़ लिया। पूछताछ में मालूम चला कि उसके पिता ने समर्पण कर दिया था। उन्हें शासन की योजना के तहत सहायक आरक्षी बनाया गया।
युवक की तलाशी के दौरान कुछ कागज भी बरामद किए गए। जिसके बाद पुलिस इसे अपने साथ ले गई। उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। इधर रोड ब्लॉक करने और कोरा पर्चा रखने की बात पर युवक मुकर गया, लेकिन ठेकेदार को लगातार फोन करने और धमकाने की बात उसने स्वीकार की है। @Patrika. पुलिस यह जानना चाह रही है कि उसने यह किसके कहने पर और क्यों किया?
पुलिस ने पहले ही मोबाइल नंबर को ट्रेकिंग पर डाल रखा था सुबह उसकी लोकेशन रेलवे ट्रैक की साइट पर बताने लगी। जिसके बाद पुलिस ने वहां सुरक्षा में लगी एसएसबी की टीम को इसकी जानकारी दी। @Patrika. टीम ने वहां सर्चिंग शुरू की और यह पकड़ा गया और फोर्स ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह वहां ठेकेदार से मिलने आया था, क्योंकि फोन पर उसने 16 फरवरी तक का समय दिया था जिसमें उसने मिलने की बात भी कही थी।
इस पूरे मामले में पत्रिका ने अंतागढ़ थाना के टीआई शरद दुबे ने युवक को पकड़े जाने की खबर से इनकार कर दिया। @Patrika. बताया जा रहा है कि मामला संवेदनशील होने की वजह से पुलिस पूरी पूछताछ के बाद इस मामले का खुलासा करने की सोच रही है।
ठेकेदार पप्पू राणा को फोन पर वर्दी, डेटोनेटर, दवाइयां की मांग और यकीन दिलाने रोड ब्लॉक करने की खबर को पत्रिका ने 14 फरवरी को प्रकाशित किया था। जिसके बाद पुलिस और फोर्स ने क्षेत्र में सुरक्षा के साथ ही सर्चिंग भी बढ़ा दी थी और दो दिन बाद ही धमकाने वाले को पुलिस ने हिरासत में ले किया।