दस फीसदी कैंटीन हो होती है संचालित
बीएसपी में 48 कैंटीन संचालित हो रही है। जिनको सुबह 7 बजे शुरू किया जाता है और शाम करीब 7 बजे तक बंद कर दिया जाता है। संयंत्र की कुछ कैंटीन में रात को चाय और बिस्कुट मिल जाता है। जिसमें ब्लास्ट फर्नेस-1 के सामने, यूआरएम, आरएसएम, एसएमएस-2 शामिल हैं। इसके अलावा शेष 44 कैंटीन बंद कर दिए जाते हैं।
चार शिफ्ट में चलता है काम
भिलाई इस्पात संयंत्र में चार शिफ्ट में काम चलता है। जिसमें सामान्य पाली के अलावा प्रथम, द्वितीय व रात की पाली शामिल है। संयंत्र में करीब 35,000 कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं। जिसमें 14 हजार से अधिक नियमित और 17 हजार से ज्यादा ठेका मजदूर शामिल हैं। इस तरह से हर शिफ्ट में करीब 7 से 8 हजार कर्मचारी और अधिकारी मौजूद रहते हैं। इन कर्मियों के लिए कैंटीन बेहद जरूरी है।
ऑपरेशन के कर्मियों को होती है अधिक परेशानी
बीएसपी में वे कर्मचारी जिनकी ड्यूटी ऑपरेशन व मॉनिटरिंग में लगी होती है, वे नाइट ड्यूटी के वक्त अधिक परेशान होते हैं। इन कर्मियों के मुताबिक रात में लगातार काम करने की वजह से नींद आना लाजमी है। ऐसे में चाय बड़ा सहारा बनती है। ऑपरेशन व मॉनिटरिंग के कर्मचारी अपना स्थान छोड़ नहीं सकते। तब वे प्लांट की दूसरी फैक्ट्री में जाकर चाय पी लें, यह संभव नहीं है।
दिन में भी स्पेशल भोजन का अलग चार्ज
बीएसपी में दिन के वक्त जब कैंटीन खुला रहता है, तब भी स्पेशल भोजन का चार्ज अलग होता है। चाहे वेज बिरयानी हो या चिकन बिरयानी यह आर्डर पर मिलता है। इसका रेट बीएसपी के ठेका लिस्ट में शामिल नहीं है। ऐसे ही स्पेशल चाय का दर भी अलग होता है।
चुनाव से गायब है कर्मियों की यह परेशानी
बीएसपी में प्रतिनिधि यूनियन चुनाव हो रहा है, जिसमें कर्मियों से जुड़े इस तरह के विषय को शामिल नहीं किया गया है। इन मामलों पर प्रतिनिधि यूनियन चर्चा भी नहीं करती। जिससे कर्मियों को हर दिन मिलने वाली सुविधा में सुधार हो सके। यहां के भोजन की क्वालिटी से लेकर रेट हर मामला कर्मियों से सीधा जुड़ा है।
रात में बंद हो जाते हैं सारे कैंटीन
निर्मल मिश्रा, वरिष्ठ श्रमिक नेता, बीएसपी ने बताया कि रात में बीएसपी के करीब सारे कैंटीन बंद हो जाते हैं। नाइट शिफ्ट करने वाले कर्मचारियों को अपनी-अपनी फैक्ट्री में न तो चाय, नाश्ता मिलता है और न भोजन।
मॉडल कैंटीन की है जरूरत
शिव बहादुर सिंह, कार्यकारी महासचिव, बीडब्ल्यूयू, बीएसपी ने बताया कि नौरत्न कंपनी में काम करने वाले कर्मियों को दोयम दर्जे की जगह मॉडल कैंटीन की व्यवस्था दी जानी चाहिए। जहां से सुकून से बैठकर चाय, नाश्ता कर सके।
बेहतर क्वालिटी और नए फर्नीचर की करेंगे व्यवस्था
अशोक महौर, संयुक्त महामंत्री, बीएमएस, बीएसपी ने बताया कि बीएसपी कैंटीन में खाने के सामान की क्वालिसी को और बेहतर किया जाएगा। यहां नए फर्नीचर और कूलर लगवाएंगे। साफ-सफाई पर रहेगा फोकस।
कैंटीन संपूर्ण बदलाव की जरूरत
विनोद सोनी, महासचिव, एटक, बीएसपी ने बताया कि एशिया के सबसे बड़े प्लांट में कैंटीन भी उस स्तर का होना चाहिए। बीएसपी कैंटीन में एसी हो, साफ पानी, साफ-सफाई, बेहतर और सस्ता खाना हो।