मुफ्त चावल के लिए भारी-भरकम दावेदार आने के बाद निगम प्रशासन द्वारा आधार नंबर के आधार पर परिवारों की पड़ताल की जा रही है। इसमें चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच में अधिकतर परिवार के पास पहले से ही राशन कार्ड होने की जानकारी सामने आ रही है। इन परिवारों के नाम सूची के काटकर वास्तविक जरूरतमंदों को चावल उपलब्ध कराया जाएगा।
नगर निगम में करीब 56 हजार परिवार है। इनमें से बीपीएल और एपीएल को मिलाकर पहले ही 85 फीसदी परिवारों का राशन कार्ड बनाया जा चुका है। शेष परिवारों को राशन नहीं लेने वाले परिवार माना जा रहा था, लेकिन फिर करीब 14 से 15 फीसदी परिवारों ने दावा ठोक दिया है। इस आंकड़े से अफसर सकते में हैं। आयुक्त नगर निगम दुर्ग इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि सर्वे में बड़ी संख्या में लोगों ने राशन कार्ड नहीं होने की जानकारी देकर चावल मांगा है। आधार नंबर के आधार पर वेरीफाई किया जा रहा है। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें ही सीएम की घोषणा के मुताबिक अलग से चावल दिया जाएगा।