इसके चलते व्यवसायिक प्रतिष्ठान और रोजगार देने वाली इकाईयां भी बंद हो गई है। ऐसे में जिनके राशन कार्ड नहीं बन पाए हैं, ऐसे परिवारों को संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसे देखते हुए सीएम भूपेश बघेल ने ऐसे परिवारों को भी खाद्यन्न उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत नगर निगम ने सर्वे करवाकर ऐसे परिवारों को चिन्हित कराया है। खास बात यह है कि ऐसे परिवारों को चिन्हित करने पार्षदों की मदद ली गई है। पार्षद के माध्यम से परिवारों की पहचान की गई है। यानि पार्षदों ने भी इन परिवारों के गरीब होने और राशन कार्ड नहीं बनने की पुष्टि की है।
आधार के सत्यापन में चौंकाने वाला खुलासा
मुफ्त चावल के लिए भारी-भरकम दावेदार आने के बाद निगम प्रशासन द्वारा आधार नंबर के आधार पर परिवारों की पड़ताल की जा रही है। इसमें चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच में अधिकतर परिवार के पास पहले से ही राशन कार्ड होने की जानकारी सामने आ रही है। इन परिवारों के नाम सूची के काटकर वास्तविक जरूरतमंदों को चावल उपलब्ध कराया जाएगा।
मुफ्त चावल के लिए भारी-भरकम दावेदार आने के बाद निगम प्रशासन द्वारा आधार नंबर के आधार पर परिवारों की पड़ताल की जा रही है। इसमें चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच में अधिकतर परिवार के पास पहले से ही राशन कार्ड होने की जानकारी सामने आ रही है। इन परिवारों के नाम सूची के काटकर वास्तविक जरूरतमंदों को चावल उपलब्ध कराया जाएगा।
85 फीसदी के पास पहले ही राशन कार्ड
नगर निगम में करीब 56 हजार परिवार है। इनमें से बीपीएल और एपीएल को मिलाकर पहले ही 85 फीसदी परिवारों का राशन कार्ड बनाया जा चुका है। शेष परिवारों को राशन नहीं लेने वाले परिवार माना जा रहा था, लेकिन फिर करीब 14 से 15 फीसदी परिवारों ने दावा ठोक दिया है। इस आंकड़े से अफसर सकते में हैं। आयुक्त नगर निगम दुर्ग इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि सर्वे में बड़ी संख्या में लोगों ने राशन कार्ड नहीं होने की जानकारी देकर चावल मांगा है। आधार नंबर के आधार पर वेरीफाई किया जा रहा है। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें ही सीएम की घोषणा के मुताबिक अलग से चावल दिया जाएगा।
नगर निगम में करीब 56 हजार परिवार है। इनमें से बीपीएल और एपीएल को मिलाकर पहले ही 85 फीसदी परिवारों का राशन कार्ड बनाया जा चुका है। शेष परिवारों को राशन नहीं लेने वाले परिवार माना जा रहा था, लेकिन फिर करीब 14 से 15 फीसदी परिवारों ने दावा ठोक दिया है। इस आंकड़े से अफसर सकते में हैं। आयुक्त नगर निगम दुर्ग इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि सर्वे में बड़ी संख्या में लोगों ने राशन कार्ड नहीं होने की जानकारी देकर चावल मांगा है। आधार नंबर के आधार पर वेरीफाई किया जा रहा है। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें ही सीएम की घोषणा के मुताबिक अलग से चावल दिया जाएगा।