दूसरे दौर की बैठक जल्द आने वाले मार्च के पहले सप्ताह में होगी। अफोर्डेबिलिटी क्लॉज के नाम पर अफवाह फैलाई जा रही है। यूनियन नेताओं से पहले भी इस विषय पर बात हो चुकी है। इस खबर को सुनकर बीएसपी के 16 हजार कर्मचारियों में हर्ष है।
स्टील की मांग बढऩा तय
केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आने वाले समय में रेल पटरी से लेकर घर बनाने तक में स्टील की सबसे अधिक जरूरत होगी। इस वजह से भारत में स्टील की क्षमता कैसे बढ़े, भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल पटरी की उत्पादन क्षमता कैसे बढ़े। देश में स्टील की उत्पादन क्षमता कैसे बढ़ाई जा सकती है, इसको लेकर केंद्र सरकार योजना बना रही है।
मंत्री ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र ने पहली कैलेंडर ईयर के 11 माह में 11 लाख टन स्टील का उत्पादन किया है। एक माह अभी बाकी है। प्रधानमंत्री की जो कल्पना है, उसमें बीएसपी आगे रहा है। हर काम देश के नाम का यह सबसे बड़ा प्रमाण है। इसके लिए बीएसपी और सेल समेत प्रदेश के लोगों को बधाई दिया।
भारत की स्टील उत्पादन की क्षमता 140 मिलियन टन है। उसे बढ़ाकर 300 एमटी करना है। इस दस साल में यह टारगेट पूरा करना है। एक्सपांशन जो होगा, उसमें बीएसपी की अहम भूमिका होगी। दुर्ग जिला में जो लोहा आधारित कारखाना लगाऐंगे, उनको 500 से 800 रुपए तक इंसेंटिव दिया जाएगा। एमएसएमई व स्थानीय उद्योगों को मदद किया जाएगा, उनके अधिक से अधिक उपकरण को कैसे लिया जा सकता है, स्थानीय उद्योगों को किस तरह से सेल के आयटम को कंसेशन रेट पर दिया जा सकता है, यह तय किया जाएगा। बीएसपी प्रदेश और देश की ड्रायवर बने यह प्रयास किया जा रहा है।
संयंत्र में ठेका मजदूरों की मौत और हो रहे हादसे पर पूछने पर मंत्री ने कहा कि संंयंत्र में सेफ्टी एक चिंता जनक विषय है। पिछले दिनों दुखद घटना भिलाई में हुई थी। उसका रिपिटेशन न हो, उसको ध्यान में रखते हुए सबसे पहले एक मीटिंग लिया, जिसमें किस तरह के कदम उठाए गए हैं, सेफ्टी को लेकर, उसकी जानकारी ली। अफसरों ने पूरी जानकारी दी है। श्रमिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है।