केस भी मिल रहे कम
मलेरिया के नए मरीज साल दर साल कम होते जा रहे हैं। 2018 में जहां 1212 मरीज मिले थे। वहीं 2022 में 23 नए केस मिले हैं। इस तरह से जिला में जांच की संख्या और नए केस दोनों ही कम होते जा रहे हैं।
2030 तक करना है छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त
छत्तीसगढ़ को मलेरिया से मुक्त करने 2030 तक का लक्ष्य तय किया गया है। विभाग मलेरिया से बचाव के लिए इस साल जिस थीम पर काम किया जा रहा है, उसमें मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें। मलेरिया विभाग दुर्ग के प्रयास व किए जा रहे कार्यों से मलेरिया के सकारात्मक प्रकरणों में कमी दर्ज की गई है।
रोकथाम के लिए यह काम करें
मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना है, पानी टंकी व कूलरों की लगातार सफाई व मच्छरों के पनपने के स्रोत व लार्वा नियंत्रण के लिए कार्यकर्ताओं व तकनीकी सुपरवाइजर की मॉनिटरिंग करना है।
मलेरिया के लक्षण
- बुखार आना, ठंड लगना, सिर दर्द, उल्टियां होना यह मलेरिया के प्रमुख लक्षण हैं।
मलेरिया से बचाव :-
- घर के आसपास पानी जमा होने न दें।
- पानी जमा होने वाले स्रोतों को नष्ट करें।
- जमा हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल डालें।
- कीटनाशक दवा का छिड़काव घरों के भीतर करवाएं।
- चिकित्सकों के सलाह के मुताबिक मलेरिया का पूर्ण इलाज करें।
- मच्छरों से बचाव के लिए सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
टाउनशिप के लिए 48 कर्मी
डॉक्टर सीबीएस बंजारे, जिला मलेरिया अधिकारी, दुर्ग ने बताया कि बीएसपी टाउनशिप के लिए ४८ कर्मचारी लिए हैं जिनके माध्यम से दवा छिड़काव, कूलर वगैरह चेक करने का काम नगर पालिक निगम, भिलाई के माध्यम से किया जाएगा। बाकी एरिया में मलेरिया के कर्मी व ब्लॉक के आरएचओ के माध्यम से काम किया जाएगा।