यात्री प्रतिक्षालय की हालत खस्ता
दुर्ग बस स्टैंड से बस निकलकर पावर हाउस तक पहुंचे इसके पहले जितने भी यात्री प्रतिक्षालय है, उनकी हालत खस्ता हो चुकी है। जिसके कारण यात्रियों को सड़क पर ही किनारे खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। बस भी यात्री प्रतिक्षालय की जगह जहां मुसाफिर खड़े नजर आते हैं, वहां रोककर सवारी को लेकर आगे बढ़ जाती है। यह व्यवस्था पिछले कुछ साल से बनी हुई है। जिसकी वजह से परेशानी मुसाफिरों को होती है।
रिस्क लेकर खड़े रहते हैं सड़क के किनारे
मुसाफिर बस का इंतजार करते यात्री प्रतिक्षालय टूटा-फूटा होने की वजह से सड़क के किनारे खड़े रहते हैं। सड़क किनारे खड़े रहने से किसी अज्ञात वाहन के चपेट में आने का खतरा बना रहता है। बच्चों के साथ जो मुसाफिर बसों का इंतजार करते सड़क के किनारे खड़े रहते हैं, उनके लिए यह खतरा दोगुना बढ़ जाता है।
धूप और बारिश से बचने का नहीं है जगह
यात्री प्रतिक्षालय टूट जाने की वजह से मुसाफिरों को सड़क के किनारे खड़े होना पड़ता है। इस दौरान चाहे धूप हो या बारिश उनके पास बचने का विकल्प नहीं होता। नगर पालिक निगम ने यात्री प्रतिक्षालय बनवाया था, मेंटनेंस के अभाव में वह टूट चुके हैं।
बीच सड़क पर रोक देते हैं बस
बस चालक मुसाफिरों को बस में बैठाने के लिए सड़क के बीच में ही बसों को रोक देते हैं।
निगम की है जिम्मेदारी
नगर पालिक निगम, दुर्ग और भिलाई की जिम्मेदारी है कि मुसाफिरों के लिए यात्री प्रतिक्षालय तैयार करवाए। आम लोगों को इसकी वजह से परेशानी हो रही है, जिस पर निगम ध्यान नहीं दे रहा है।
यहां है यात्री प्रतिक्षालय
- सुपेला घड़ी चौक के करीब दुर्ग की ओर जाने वाले रास्ते में यात्री प्रतिक्षालय मौजूद है। इसका छत ही गायब है।
- प्रियदर्शनी परिसर अंडरब्रिज जाने वाले रास्ते पर यात्री प्रतिक्षालय केवल नाम का ही है।
- सुपेला थाना के सामने बनाए, फिर हटा दिए,
- नेहरू नगर चौक में मौजूद यात्री प्रतिक्षालय,
- मौर्या टाकिज के समीप बना यात्री प्रतिक्षालय,
पावर हाउस में फ्लाइ ओवर के नीचे हमेशा मुसाफिर बसों का इंतजार करते नजर आते हैं, यहां बसों को खड़ी कर दिया जाता है।
यात्री प्रतिक्षालय जरूरी
राकेश गुप्ता, मुसाफिर, भिलाई, ने बताया कि मुसाफिरों के लिए यात्री प्रतिक्षालय जरूरी है। अब बारिश में बसों का इंतजार करते लोग कहां खड़ेंगे।
टूटने के बाद बनाते नहीं
निर्मित सिंह, मुसाफिर, दुर्ग ने बताया कि यात्री प्रतिक्षालय टूटने के बाद बनाते नहीं है, जिसकी वजह से दिक्कत होती है। बच्चों को लेकर लोग सड़क के किनारे खड़े रहते हैं।