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गंदा पानी के ट्रीटमेंट पर नहीं हुआ काम,15 में से 12 महीने बीता, प्रदूषित होगा शिवनाथ

locationभिलाईPublished: Jan 03, 2020 12:38:20 pm

Submitted by:

Tara Chand Sinha

शहर के तीन बड़े निकासी नालों में गंदा पानी बह रहा है जो शिवनाथ को प्रदूषित कर रहा है। परियोजना इस पानी को रिसाइकिल कर उपयोग में लाना है। सिटी सेनिटेशन परियोजना के अंतर्गत शहर के निकासी नालों के गंदा पानी को जीरो फ्लो में लाने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ।

गंदा पानी के ट्रीटमेंट पर नहीं हुआ काम,15 में से 12 महीने बीता, प्रदूषित होगा शिवनाथ

गंदा पानी के ट्रीटमेंट पर नहीं हुआ काम,15 में से 12 महीने बीता, प्रदूषित होगा शिवनाथ

भिलाई. सिटी सेनिटेशन परियोजना के अंतर्गत शहर के निकासी नालों के गंदा पानी को जीरो फ्लो में लाने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ। सालभर पहले शासन ने शिवनाथ नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए परियोजना के मुताबिक गंदे पानी को ट्रीटमेंट कर रीयूज करने के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक आदेश कोई काम नहीं हुआ। शहर के तीन बड़े निकासी नालों में गंदा पानी बह रहा है जो शिवनाथ को प्रदूषित कर रहा है। परियोजना इस पानी को रिसाइकिल कर उपयोग में लाना है।
15 महीने की डेड लाइन है तय

सिटी सेनिटेशन प्रोजेक्ट के अंतर्गत शहर के तीन बड़े निकासी सोमनी, तेलहा और कोसा नाला पर फाइटो राइज्ड सीवरेज ट्रीटमेंट पैटर्न पर काम किया जाना है। पानी का पुन: उद्योग या सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाना है। इन तीनों नालों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर 15 महीने के अंदर जीरो फ्लो में लाने का लक्ष्य दिया गया है। 15 में से 12 महीने बीत चुकी है। तीन माह शेष रह गए है। अब तक शहर के निकासी नालों से बहने वाले पानी को जीरो फ्लो पर लाने की दिशा में काम शुरू तक नहीं हुआ है
प्रदूषित होने से बचेगी शिवनाथ

सालभर पहले निगम के सभागार में जो चर्चा हुई थी। उसके मुताबिक काम होता तो जीवनदायिनी शिवनाथ प्रदूषित होने से बचती। शहर से बहने वाली छोटे-बड़े 24 नालों का गंदा पानी तेलहा नाला में समाहित होता है। झेंझरी-समोदा के पास शिवनाथ में मिलता है। इससे नदी का पानी प्रदूषित होता है। झेंझरी पानी नगर पालिका परिषद जामुल में सप्लाई होगा। आसपास गांव के लोग निस्तारी करते हैं। पथरिया घाट से नगर पालिका अहिवारा को रॉ वाटर की सप्लाई की जाती है।
बैठक में यह हुई थी चर्चा

जनवरी 2019 में निगम के सभागार में तत्कालीन निगम आयुक्त एसके सुंदरानी ने निगम, बीएसपी और एनएसपीसीएल प्रबंधन के अधिकारियों की बैठक हुई थी। आयुक्त ने प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए एनएसपीसीएल को सोमनी से पुरैना क्षेत्र में बहने वाले नाले को ट्रीटमेंट कर इस्तेमाल करने कहा था। बीएसपी को टाउनशिप के एरिया में बहने वाला सेक्टर-6 नाला ट्रीटमेंट कर रीयूज कर जीरो फ्लो पर लाने का लक्ष्य दिया गया था। तेलहा नाला का पानी, निगम प्रशासन ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर उद्योगों को सप्लाई करने की बात कही थी, लेकिन इनमें से कोई भी नाला जीरो फ्लो की स्थिति में नहीं है। गंदा पानी बह रहा है। शिवनाथ नदी को प्रदूषित कर रहा है
सिस्टम का उपयोग नहीं

कोसा नाले को ट्रीटमेंट करने के लिए भिलाई नगर रेलवे स्टेशन के सपीप बनें सिटी बस डिपो में फाइटोराइज्ड सिस्टम लगाया गया है। इस पर लगभग सवा करोड़ रुपए खर्च हुए। लेकिन निगम इस सिस्टम का उपयोग नहंीं कर रहा है।
दावे सब हवा-हवाई

बैठक में बीएसपी के वरिष्ठ प्रबंधक डी. चन्द्राकर सिंह ने टाउनशिप क्षेत्र से बहने वाले कोसानाला में तीन माह के अंदर ट्रीटमेंट प्लांट शुरू करने की जानकारी दी। चंद्राकर का कहना था कि कोसानाला टाउनशिप क्षेत्र से होकर बहता है। इसका पानी ट्रीटमेंट की प्रक्रिया में चल रहा है। यह प्रक्रिया तीन माह में पूरी कर पानी को रीयूज करने की जानकारी दी थी, लेकिन टाउनशिप का गंदा पानी नाला में बह रहा है।
सोमनी नाला- एनएसपीसीएल के डीजीएम डीके वर्मा ने सोमनी से पुरैना भिलाई की तरफ बहने वाली नाला के पानी को ट्रीटमेंट का प्रस्ताव बनाने की जानकारी दी। वर्मा ने बताया कि नाला के पानी का ट्रीटमेंट कर इस्तेमाल किया जा रहा था। जिसे फिर से शुरू जीरो फ्लो की स्थिति में लाया जाएगा। यहां पर गंदा पानी नाला में बह रहा है।
तेलहा नाला- नगर पालिक निगम खुर्सीपार से शिवनाथ नदी समोदा तक बहने वाली तेलहा नाला के पानी को नगर पालिक निगम प्रशासन ट्रीटमेंट करेगा। इसका डीपीआर ब्लू स्ट्रीम इन्फ्रास्ट्रक्चर, डेवलपेमेंट कंसल्टेन्ट प्रायवेट लिमिटेड पुणे से तैयार कराया गया है।
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