विभाग ने पहले स्कूलों को टैबलेट बांटकर मध्यान्ह भोजन की ऑनलाइन रिपोर्ट मांगी थी, जिसे शिक्षकों ने दरकिनार किया। इसके बाद हाल ही में टीम्स ऐप लॉन्च हुआ, जिसमें बच्चों की हाजिरी और मध्यान्ह भोजन का विवरण भेजने को कहा गया। दोनों ही पैमानों पर दुर्ग जिले के 944 स्कूल फेल हो गए। अधिकतर स्कूलों ने शासन के निर्देश के बावजूद नियमित जानकारी टीम्स ऐप पर भेजने की जरूरत नहीं समझी।
प्रदेश के एक लाख 80 हजार शिक्षकों का डाटा फीड किया गया है। ऐप से ही विद्यार्थियों की हाजिरी लेने की योजना भी है। मध्याह्न भोजन की स्थिति भी शिक्षकों को सीधा इसमें डालना था, जिससे विभाग स्कूलवार यह देख पाता कि उक्त दिवस मध्याह्न की कितने बच्चों को परोसा गया। शुरुआत में इस ऐप में गलत जानकारी होने की स्थिति में संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारी को सुधार के लिए अनुरोध भेजने का विकल्प भी दिया गया था, लेकिन इसमें भी लापरवाही बरती गई।
टीम्स ऐप के पहले स्कूलों को कॉसमॉस टैबलेट भी दिए गए थे। जिससे स्कूलवार हाजिरी और मध्यान्ह भोजन का ब्योरा भी मांगा गया था। जिले में भी यह टैबलेट बंटे, लेकिन जानकारी नहीं भेजी। विभाग खुद स्वीकार कर रहा है कि अभी सिर्फ 35 टैबलेट ही खराब स्थिति में है, जबकि जिले के बाकी स्कूल भी जानकारी अपलोड नहीं कर रहे। डीईओ प्रवास बघेल ने बताया कि टीम्स ऐप पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने वाले स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। यदि फिर भी नहीं सुधरे तो इनकी वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी।