ग्रामीण अंचल के बच्चों का किया चयन
एनएसपीसीएल ने इस मिशन के लिए पास के सरकारी स्कूल के 10 से 12 साल के बच्चों का चयन किया। जिसमें रुआबांधा से 9 छात्राओं, भाटापारा रुआबांधा से 10, स्टोरपारा से 6 छात्राओं को, सोमनी से 1, गनियारी से 3 और मोरिद से 11 छात्राओं को शामिल किए हैं।
शिक्षा के साथ सुरक्षा और आत्मरक्षा भी जरूरी
एनएसपीसीएल के उप महाप्रबंधक, मानव संसाधन अब्दुल वसीम ने बताया कि इस 4 सप्ताह की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य इन बालिकाओं को शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षा व आत्मरक्षा, व्यक्तिगत स्वच्छता, समानता, स्वास्थ्य जागरूकता, सॉफ्ट स्किल्स, व्यक्तित्व विकास, करियर परामर्श, कौशल विकास, यौन उत्पीडऩ, हार्मोनल परिवर्तन और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर जागरूक कराना है।
ग्रामीण अंचल की बालिकाओं के सपनों को दिया जाना है नया आयाम
मुख्य अतिथि सीके सामंता ने कहा कि इसका मकसद ग्रामीण परिवेश की बालिकाओं को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे, उनके सपनों को एक नया आयाम देने के साथ साथ उनके अंतर्मन में आशा, आत्मविश्वास और कुछ कर गुजरने की ललक जगाने के लिए एनएसपीसीएल से बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में किया जा रहा एक उल्लेखनीय प्रयास है।
तीन वर्गोंं में बांटा कार्यक्रम को
कार्यशाला के तहत तीन मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किए है :-
– बेसिक शिक्षा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण विज्ञान, कम्प्यूटर,
– जीवन कौशल व्यक्तिगत व आसपास की स्वच्छता, प्रभावी संचार और पारस्परिक-संबंध, समानुभूति, अच्छा और बुरा स्पर्श, साइबर सुरक्षा, लैंगिक विविधता जैसे विषयों पर जागरूकता,
– अतिरिक्त शैक्षणिक गतिविधियां आत्मरक्षा और योग में अनिवार्य प्रशिक्षण के साथ-साथ रचनात्मक कला और शिल्प, ड्राइंग, पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, हस्तशिल्प, प्रदर्शन कला जैसे नृत्य, अभिनय, वादन और गायन शामिल है।