अपने कार्मिकों को रिटायर होते ही आवास खाला करा देता है प्रबंधन, नेता और सरकारी अधिकारी वर्षों से जमे हैं
भिलाईPublished: May 15, 2022 04:14:08 pm
नगर सेवा विभाग की अनेक कोशिशों के पश्चात भी भिलाई टाउनशिप के ये बड़े मकान प्रभावशाली प्रशासनिक अधिकारियों के कब्जे से नहीं निकाले जा सके हैं। इन परिस्थितियों में इस्पात संयंत्र के अधिकारी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
अपने कार्मिकों को रिटायर होते ही आवास खाला करा देता है प्रबंधन, नेता और सरकारी अधिकारी वर्षों से जमे हैं
भिलाई. बीएसपी के आफिसर्स एसोसिएशन ने टाउनशिप के अधिकारियों के आवासों का अत्याधिक थर्ड पार्टी आवंटन एवं आवंटन पश्चात उन क्वाटरों पर कब्जे की प्रवृत्ति से उत्पन्न समस्याओं का उल्लेख करते हुए बीएसपी के डायरेक्टर इंचार्ज को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में थर्ड पार्टी कब्जेधारियों के कारण बीएसपी के अधिकारियों को बेहतर मकान उपलब्ध नहीं हो पाने की समस्या से अवगत कराते हुए इसके समाधान के लिए इन मकानों को थर्ड पार्टी के कब्जे से मुक्त कराने की मांग की है।
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के पश्चात बीएसपी के बड़े आवासों को प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को जिनका कार्यक्षेत्र भिलाई-दुर्ग रहा, उन्हें दिया गया था। समय के साथ अधिकारियों के रिटायरमेंट, स्थानांतरण के पश्चात भी अधिकतर आवास उन्हीं के कब्जे में रह गए हैं। वर्तमान परिस्थितियों में भिलाई टाउनशिप में छत्तीसगढ़ के अनेक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के नाम से आवास आवंटित है यद्यपि उनकी पदस्थापना दुर्ग से दूरस्थ जिलों में है। कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं परंतु आज भी वे बीएसपी के मकानों पर अवैध रूप से काबिज हैं।
ठगा महसूस कर रहे हैं बीएसपी अफसर
नगर सेवा विभाग की अनेक कोशिशों के पश्चात भी भिलाई टाउनशिप के ये बड़े मकान प्रभावशाली प्रशासनिक अधिकारियों के कब्जे से नहीं निकाले जा सके हैं। इन परिस्थितियों में इस्पात संयंत्र के अधिकारी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। जो आज वरिष्ठता होने के पश्चात भी छोटे मकानों में रहने को मजबूर हैं और वे उसके लिए 8000-14000 रुपए तक का एचआरए के रूप में हानि भी वहन कर रहे हैं क्योंकि 2014 से एचआरए बंद कर दिया गया है। इस कारण संयंत्र के अधिकारी प्राइवेट कॉलोनियों में भी मकान नहीं खरीद पा रहे हैं।
प्रशासनिक अफसर चाहते है टाउनशिप में रहना
पिछले कुछ वर्षों में केन्द्र व राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों में भिलाई के मकानों के प्रति रूचि बढ़ी है जिससे लगभग सारे बड़े मकान जो सेक्टर 5, 8, 9, 10 में है, इन सरकारी अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, पूर्व सरकारी अधिकारियों, पूर्व विधायकों आदि के कब्जे में है। इस कारण बहुत सारे बड़े आवास संयंत्र के अधिकारियों की पहुंच से बाहर हो गए हैं।
अपने कार्मिकों को रिटायर होते ही
आवास खाला करा देता है प्रबंधन
वर्तमान परिवेश में बीएसपी से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों को 6 माह के भीतर ही मकान खाली कराया जाता है, यही नियम प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों पर भी लागू होना चाहिए। ओए ने यह मांग रखी है कि थर्ड पार्टी से खाली कराए गए सभी आवासों को बीएसपी के अधिकारियों को ही आ्रवंटित किया जाए।
राज्य एवं केन्द्र शासन से भी सहयोग लिया जाएगा
32 बंगले में ही विधायक निवास, सांसद निवास आदि चिन्हित किया जाए। सेक्टर 5, 8, 9, 10 के थर्ड पार्टी आवासों को शीघ्र ही खाली कराया जाए। ओए-बीएसपी की टीम द्वारा सभी सेक्टरों में सर्वे करके थर्ड पार्टी आवंटन को चिन्हित किया जा रहा है। राज्य शासन एवं केन्द्र शासन से भी इसके लिए सहयोग लिया जाएगा।
नरेन्द्र कुमार बंछोर, ओए अध्यक्ष एवं सेफी चेयरमैन