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भिलाई इस्पात संयंत्र के 5,000 से अधिक आवासों पर कब्जा

हर माह हो रहा लाखों का नुकसान,

भिलाईJan 31, 2023 / 10:00 pm

Abdul Salam

भिलाई इस्पात संयंत्र के 5,000 से अधिक आवासों पर कब्जा

भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने टाउनशिप और खुर्सीपार के आवासों का सर्वे करवाना शुरू किया है। अभी दस हजार आवासों से भी कम का सर्वे हुआ है। इसमें 1,000 से अधिक मकान कब्जे और कुछ बीएसपी कर्मियों ने किराए पर दिए है। यह साफ हुआ है। सर्वे करने वाली एजेंसी मकान से संबंधित पूरी जानकारी बीएसपी के संबंधित विभाग के बड़े अधिकारियों को सौंप देगी। इसके बाद पहली बार ऐसी कार्रवाई होगी, जो इसके पहले कभी नहीं हुई है। टाउनशिप और खुर्सीपार में मिलाकर करीब 5000 बीएसपी आवासों पर लोगों ने कब्जा कर रखा है। इससे बीएसपी को हर साल करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

5 हजार से अधिक मकान कब्जे में
बीएसपी को हर साल आवास में कब्जा होने की वजह से करीब 5 करोड़ का नुकसान हो रहा है। बीएसपी के टाउनशिप में करीब 5,000 आवासों पर कब्जा है। इसमें रहने वालों को मुफ्त बिजली, पानी आवास मिल रहा है। इसके बदले बीएसपी भुगतान कर रहा है। असल में इसका भार बीएसपी के कर्मियों पर पड़ रहा है। बीएसपी के आवास विभाग की ओर से नियमित नोटिस तक नहीं दी जा रही है। पुराने अधिकारी ऐसे स्थानों पर जमे हुए हैं। वे न तो तोडफ़ोड़ विभाग में रहते हुए कोई बड़ी कार्रवाई किए और न अब ठोस पहल कर रहे हैं।

4.8 करोड़ की बिजली खर्च कर रहा कब्जा करने वाले
बीएसपी के करीब 5 हजार आवासों में कब्जा कर रहने वाले, हर माह कम से कम 800 रुपए का बिजली उपयोग कर रहे हैं। बीएसपी की बिजली इसका उनको कोई बिल भुगतान नहीं करना होता है। इस वजह से वे हीटर व इंडेक्शन का उपयोग जरूर करत हैं। एक-एक कब्जाधारी कम से कम का आंकलन किया जाए, तो भी 800 रुपए के हिसाब से हर माह 40 लाख रुपए की बिजली खर्च कर देता है। वहीं अगर साल में हिसाब जोड़े तो यह 4.8 करोड़ रुपए की बिजली खप जाती है।

कब्जेधारी हर साल बहा रहे 1.2 करोड़ का पानी
बीएसपी के आवासों में कब्जा कर रहने वालों को पानी का भी बिल देने की जरूरत नहीं पड़ती। पटरीपार में नगर निगम हर माह पानी आपूर्ति करने के बदले 200 रुपए शुल्क लेता है। कब्जा कर रहने वालों से नगर सेवाएं विभाग अगर पानी की उतनी राशि भी वसूलता है, तो हर साल करीब 1,2 करोड़ एकत्र हो जाएंगे।

डी होते ही करते हैं कब्जा
नगर सेवाएं विभाग पुराने आवासों को खराब होता देख कम्प्यूटर में डैमेज (डी) घोषित कर देता है। इसके बाद उन आवासों से नियमित कर्मियों को हटा दिया जाता है। नियमित कर्मचारियों के हटते ही उन आवासों में कब्जा न हो, इसकी जिम्मेदारी तोडफ़ोड़ विभाग के हाथ आ जाती है। इस तरह के मकानों पर तुरंत कब्जा कर लिया जाता है। कई बार कब्जा करने वालों को चाबी तक उपलब्ध करवा दिया जाता है।

बीएसपी के खजाने में आ सकता है 12 करोड़
बीएसपी के टाउनशिप व खुर्सीपार स्थित करीब 5 हजार आवासों पर कब्जा है। इन आवासों में रहने वालों से प्रबंधन हर माह महज 2000 रुपए भी किराए के नाम से लेता है, तो साल में कम से कम 12 करोड़ रुपए नगर सेवाएं विभाग के खजाने में आ सकता है।

लंबे अंतराल के बाद हुई है कार्रवाई
बीएसपी के नगर सेवाएं विभाग ने लंबे अंतराल के बाद पिछले एक साल में 700 मकानों को बेदखल किया है। इसी तरह से करीब 35 एकड़ जमीन को कब्जे से मुक्त किया। इसके अलावा 500 अवैध निर्माण को ढहाया है। अभी ऐसे और कब्जे शेष हैं।

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