सेंट्रल पूल पर राज्य और केंद्र सरकार के गतिरोध के बीच दिल्ली से अफसर पहुंची NAN के गोदामों में चावल जांचनें
सेंट्रल पूल में चावल की मात्रा को लेकर कई महीनों से केंद्र व राज्य सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है। वहीं केंद्र की ओर से सेंट्रल पूल में चावल लेने से पहले पहली बार इस तरह चावल की जांच कराई जा रही है।

दुर्ग. सेंट्रल पूल में चावल के कोटे को लेकर गतिरोध के बीच केंद्र सरकार द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के गोदामों में चावल की जांच कराई जा रही है। इसके लिए दिल्ली से एफसीआई की एडीशनल डायरेक्टर डॉ. प्रीति शुक्ला को जिले में भेजा गया है। बताया जा रहा है कि केंद्र की ओर से सेंट्रल पूल में चावल ग्राह्य करने से पहले पहली बार ऐसा कराया जा रहा है। इससे पहले आश्वासन के बाद भी सेंट्रल पूल की स्वीकृति में न सिर्फ देरी की गई बल्कि मात्रा में भी कटौती कर दी गई है। वहीं अब गोदामों में चावल की अचानक जांच को केंद्र की ओर से क्वालिटी के बहाने सेंट्रल पूल के कोटे के अटकाने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य शासन द्वारा किसानों से हर साल समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाती है। धान को कस्टम मिलिंग के माध्यम से चावल में तब्दील कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली और शासकीय योजनाओं में खपाया जाता है। इसके अलावा चावल की बड़ी मात्रा संघीय व्यवस्था के तहत राज्य सरकार से केंद्र सरकार द्वारा सेंट्रल पूल में एफसीआई के माध्यम से खरीदी की जाती है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच सेंट्रल पूल में चावल की खरीदी की मात्रा को लेकर गतिरोध चल रहा है। राज्य सरकार सेंट्रल पूल के कोटे में बढ़ोतरी की मांग कर रही है, जबकि केंद्र सरकार कटौती पर जोर दे रही है।
पहली बार करवाई जा रही इस तरह जांच
सेंट्रल पूल में चावल की मात्रा को लेकर कई महीनों से केंद्र व राज्य सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है। वहीं केंद्र की ओर से सेंट्रल पूल में चावल लेने से पहले पहली बार इस तरह चावल की जांच कराई जा रही है। अफसर द्वारा दो दिनों से केवल नॉन के गोदामों के चावल की जांच की जा रही है। जिसे सेंट्रल पूल में जमा कराया जाना है।
एफसीआई के गोदामों को झांका तक नहीं
केंद्र की ओर से जांच के लिए पहुंची अफसर एफसीआई से जुड़ी है, लेकिन अब तक उन्होंने एफसीआई के गोदामों को झांका तक नहीं है। इसके अलावा एफसीआई द्वारा नान को सप्लाई किए गए गेहूं की भी जांच नहीं की जा रही है। अफसरों के मुताबिक यह सामान्य जांच होती तो एफसीआई के गोदामों में भी क्वालिटी की जांच की जाती।
60 की जगह 24 लाख टन की अनुमति
इस साल शुरूआत में केंद्र सरकार ने राज्य से सेंट्रल पूल में 60 लाख टन चावल खरीदने का निर्णय लिया था। जो पिछले साल की तुलना में लगभग 20 फीसदी अधिक है, लेकिन पिछले दिनों अचानक इसमें कटौती कर 24 लाख टन कर दिया गया। यह अनुमति भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कई पत्रों के बाद दिया गया। शेष मात्रा की अनुमति कब दी जाएगी यह भी अभी स्पष्ट नहीं है।
राशन दुकानों में भी क्वालिटी जांच
एफसीआई की एडिशनल डायरेक्टर ने पिछले दो दिनों में नॉन के गोदामों के अलावा चार राशन दुकानों की भी जांच की है। यहां भी चावल की क्वालिटी की जांच की गई। बताया जा रहा है कि अफसर करीब आठ दिन प्रदेश में रहेंगी और डीएम एफसीआई के अधीन आने वाले 9 जिले के गोदामों के चावल की गुणवत्ता की जांच करेंगी और रिपोर्ट सीधे केंद्र सरकार को सौंपेंगी। भौमिक बघेल डीएम नागरिक आपूर्ति निगम ने बताया कि दिल्ली से अफसर पहुंची हैं। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों और कुछ राशन दुकानों में चावल की जांच की है। जांच किस मकसद से की जा रही है, यह मेरी जानकारी में नहीं है।
अब पाइए अपने शहर ( Bhilai News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज