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भिलाई

बंद खाते का चेक देने वाली महिला को एक साल का कारावास, 5 लाख जुर्माना भी लगाया

आरोपी उषा को एक वर्ष साधारण कारावास की सजा सुनाई जाती है। साथ ही 5 लाख का जुर्माना किया जाता है। राशि जमा नहीं करने पर 30 दिन अलग से सजा भुगतनी होगी।

भिलाईJun 06, 2019 / 12:19 am

Satya Narayan Shukla

patrika

बंद खाते का चेक देने वाली महिला को एक साल का कारावास, 5 लाख जुर्माना भी लगाया

दुर्ग@Patrika. चेक बाउंस प्रकरण पर फैसला सुनाते न्यायाधीश राजमणी ने कहा कि चैक बाउंस होने की सूचना देने के बाद भी आरोपी इस्पात नगर रिसाली भिलाई निवासी उषासिंह ने 30 दिनों के भीतर राशि नहीं लौटाई। कई तथ्यों से दोष सिद्ध के लिए समुचित आधार है। आरोपी का कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है। वह परिपक्व आयु की महिला है। समाज में बढ़ रही चैक बाउंस के अपराध को देखते हुए परिवीक्षा का लाभ नहीं दिया जा सकता। इसलिय आरोपी उषा को एक वर्ष साधारण कारावास की सजा सुनाई जाती है। साथ ही 5 लाख का जुर्माना किया जाता है। राशि जमा नहीं करने पर 30 दिन अलग से सजा भुगतनी होगी।
घर बनाने के लिया था कर्ज
माइक्रो फ ाइनेंशियल सर्विसेस सुपेला के तरूण साहू (38) ने परिवाद में जानकारी दी थी कि उनकी संस्था पंजीकृत है और वे रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का कार्य करते है। उषा इस संस्था की एडवाइजरी के पद पर कार्य करती है। उषा ने मकान बनाने के लिए संस्था से ढाई-ढाई लाख रुपए उधार लिया था। राशि को दो माह के भीतर लौटाने का आश्वासन दिया था। रुपए लौटाने का आग्रह करने पर उषा ने भारतीय स्टैट बैंक रिसाली का चेक 15 सिंतबर 2010 को दिया था। भुगतान के लिए चेक जमा करने पर पता चला कि उषा का एकाउंट क्लोज हो चुका है।
महिला ने रुपए लेने से इनकार किया पर सबित नहीं कर सकी
सुनवाई के दौरान महिला ने आवेदक से रुपए लेने से इनकार कर किया। यह भी कहा कि उसने किसी तरह का चेक जारी नहीं किया है, लेकिन वह यह साबित नहीं कर सकी कि चेक में मौजूद हस्ताक्षर उनका नहीं है। न्यायालय द्वारा पर्याप्त अवसर देेने के बाद भी वह बचाव साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई।

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