माइक्रो फ ाइनेंशियल सर्विसेस सुपेला के तरूण साहू (38) ने परिवाद में जानकारी दी थी कि उनकी संस्था पंजीकृत है और वे रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का कार्य करते है। उषा इस संस्था की एडवाइजरी के पद पर कार्य करती है। उषा ने मकान बनाने के लिए संस्था से ढाई-ढाई लाख रुपए उधार लिया था। राशि को दो माह के भीतर लौटाने का आश्वासन दिया था। रुपए लौटाने का आग्रह करने पर उषा ने भारतीय स्टैट बैंक रिसाली का चेक 15 सिंतबर 2010 को दिया था। भुगतान के लिए चेक जमा करने पर पता चला कि उषा का एकाउंट क्लोज हो चुका है।
सुनवाई के दौरान महिला ने आवेदक से रुपए लेने से इनकार कर किया। यह भी कहा कि उसने किसी तरह का चेक जारी नहीं किया है, लेकिन वह यह साबित नहीं कर सकी कि चेक में मौजूद हस्ताक्षर उनका नहीं है। न्यायालय द्वारा पर्याप्त अवसर देेने के बाद भी वह बचाव साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाई।