किसानों को मिलेगी सही जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग जिला समेत पूरे प्रदेश में उर्वरक व बीज की हजारों दुकाने हैं। इनमें से अधिकतर के पास न तो कृषि की समझ है और न ही उर्वरकों की गुणवत्ता का कोई ज्ञान। ऐसे में कृषि विज्ञान के डिग्री या डिप्लोमाधारियों के आने से किसानों को सबसे ज्यादा बेनिफिट होगा। ये डिग्रीधारी जमीन, खाद, उर्वरक, बीज आदि की शैक्षणिक जानकारी रखते हैं, जिससे वें किसान को फसल व उसमें डाली जानी वाली उर्वरक के फायदे व नुकसान के संबंध में बता पाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग जिला समेत पूरे प्रदेश में उर्वरक व बीज की हजारों दुकाने हैं। इनमें से अधिकतर के पास न तो कृषि की समझ है और न ही उर्वरकों की गुणवत्ता का कोई ज्ञान। ऐसे में कृषि विज्ञान के डिग्री या डिप्लोमाधारियों के आने से किसानों को सबसे ज्यादा बेनिफिट होगा। ये डिग्रीधारी जमीन, खाद, उर्वरक, बीज आदि की शैक्षणिक जानकारी रखते हैं, जिससे वें किसान को फसल व उसमें डाली जानी वाली उर्वरक के फायदे व नुकसान के संबंध में बता पाएंगे।
डेढ़ लाख को रोजगार की उम्मीद
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से १.५ लाख शिक्षित बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसी तरह प्रदेश के करीब १३ हजार से ज्यादा विज्ञान व एग्रीकल्चर के डिग्रीधारकों को इससे फायदा होगा। वहीं विज्ञान और एग्रीकल्चर के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ेगी।
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से १.५ लाख शिक्षित बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसी तरह प्रदेश के करीब १३ हजार से ज्यादा विज्ञान व एग्रीकल्चर के डिग्रीधारकों को इससे फायदा होगा। वहीं विज्ञान और एग्रीकल्चर के प्रति युवाओं की रुचि बढ़ेगी।
मिलेगा दो साल का वक्त
वर्तमान में जिन डीलर्स व रिटेलर्स के पास लाइसेंस हैं, उन्हें दो साल का वक्त दिया जाएगा। अगर वह नए नियमों को लागू करने के लिए आवश्यक मानदंडों पर खरा उतरने की तैयारी कर लेते हैं तो उनके लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया जाएगा, अन्यथा नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। इस साल से पूरी मुस्तैदी से अमल कराया जाना है। नियमों के पूर्व उर्वरकों की बिक्री के लिए लाइसेंस देने के प्रावधान में एग्रीकल्चर की डिग्री को ऑप्सनल रखा गया था, जिसे अब अनिवार्य किया गया है।
वर्तमान में जिन डीलर्स व रिटेलर्स के पास लाइसेंस हैं, उन्हें दो साल का वक्त दिया जाएगा। अगर वह नए नियमों को लागू करने के लिए आवश्यक मानदंडों पर खरा उतरने की तैयारी कर लेते हैं तो उनके लाइसेंस का नवीनीकरण कर दिया जाएगा, अन्यथा नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। इस साल से पूरी मुस्तैदी से अमल कराया जाना है। नियमों के पूर्व उर्वरकों की बिक्री के लिए लाइसेंस देने के प्रावधान में एग्रीकल्चर की डिग्री को ऑप्सनल रखा गया था, जिसे अब अनिवार्य किया गया है।
भौतिक विज्ञान के डिग्रीधारी को लाइसेंस नहीं
नए नियमों के तहत कृषि विज्ञान, जीव रसायन, जैव प्राद्योगिकी, जीव विज्ञान , जंतु विज्ञान, रसायन विज्ञान व वनस्पति विज्ञान में विज्ञान की न्यूतनम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य की गई है। भौतिक विज्ञान के डिग्रीधारी इसमें शामिल नहीं किए गए हैं।
नए नियमों के तहत कृषि विज्ञान, जीव रसायन, जैव प्राद्योगिकी, जीव विज्ञान , जंतु विज्ञान, रसायन विज्ञान व वनस्पति विज्ञान में विज्ञान की न्यूतनम शैक्षिक योग्यता अनिवार्य की गई है। भौतिक विज्ञान के डिग्रीधारी इसमें शामिल नहीं किए गए हैं।