scriptसांई ज्योति हॉस्पिटल और ज्योति केन्द्र का संचालन तत्काल बंद करने का आदेश | Order to stop operation of Sai Jyoti Hospital and Jyoti Kendra | Patrika News

सांई ज्योति हॉस्पिटल और ज्योति केन्द्र का संचालन तत्काल बंद करने का आदेश

locationभिलाईPublished: Jun 05, 2023 11:33:02 pm

सिरसा गेट भिलाई-3 स्थित सांई ज्योति हॉस्पिटल और हाउसिंग बोर्ड कॉम्प्लेक्स बस स्टैण्ड दुर्ग स्थित ज्योति केन्द्र में चिकित्सकीय और सफाई से संबंधित खामियां मिलने के बाद दोनों अस्पतालों को नर्सिंग होम एक्ट की धारा 12 (क) (1) के तहत 20-20 हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया है। साथ ही दोनों का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद करने आदेशित किया है।

कलेक्टर ने दिए आदेश: चिकित्सा संस्थानों में अव्यवस्था चिंतनीय

20-20 हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया

दुर्ग. कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने सोमवार को ट्विनसिटी के दो अस्पतालों का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद करने आदेश जारी किया है। सिरसा गेट भिलाई-3 स्थित सांई ज्योति हॉस्पिटल और हाउसिंग बोर्ड कॉम्प्लेक्स बस स्टैण्ड दुर्ग स्थित ज्योति केन्द्र का लाइसेंस एक्सपायर हो गया था। इसके बाद अस्पताल संचालक ने नवीनीकरण के आवेदन नहीं किया। इसके अलावा दोनों अस्पतालों में चिकित्सकीय और सफाई से संबंधित तमाम खामियां मिली।

20-20 हजार रुपए जुर्माने भी लगाया
अनियमितताओं के तहत दोनों अस्पतालों को नर्सिंग होम एक्ट की धारा 12 (क) (1) के तहत 20-20 हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया है। दोनों का संचालन तत्काल प्रभाव से बंद करने आदेशित किया है। लायसेंस की वैधता समाप्त होने के बावजूद अस्पताल संचालक के द्वारा लायसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया गया है, जो कि उपचर्यागृह तथा रोगोपचार संबंधी स्थापनाएं अनुज्ञापन अधिनियम, 2010 एवं 2013 का उल्लंघन है।

जांच के दौरान चिकित्सक नहीं मिले
नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. आरके. खंडेलवाल ने दोनों अस्पतालों का निरीक्षण किया। सांई ज्योति हॉस्पिटल में कार्यरत चिकित्सक नहीं पाए गए। अस्पताल में रैंप की सुविधा नहीं थी। परिसर में साफ-सफाई का आभाव था और कलर कोटेड बिन नहीं पाए। अस्पताल के बाहर एवं आंतरिक रूम में कबाड़ होना पाया गया। इसके अलावा अस्पताल की लाइसेंस वैधता 13 सितंबर 2020 तक थी। बावजूद अस्पताल संचालक के द्वारा लायसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया, जो संबंधी अधिनियम का उल्लंघन है।

टीम-ए को 11 अस्पताल की जांच करने का मिल जिम्मा
जिले में यह पहला मौका है, जब अस्पतालों की जांच के लिए इतने वृहद स्तर पर टीम का गठन किया गया। इसमें एक टीम दुर्ग शहरी क्षेत्र के लिए बनाई गई। इस टीम-ए को 11 अस्पताल समेत 59 संस्थाओं की जांच का जिम्मा मिला। टीम-बी को 10 अस्पताल समेत 59 संस्थाएं, टीम-सी को 15 अस्पताल समेत 60 संस्थाएं, टीम-डी को 14 अस्पताल समेत 60 संस्थाएं, टीम-ई को 22 अस्पताल समेत 77 संस्थाएं, टीम-एफ को 22 अस्पताल समेत 71 संस्थाएं, टीम-जी को 21 अस्पताल समेत 77 संस्थाएं, टीम-एच को 8 अस्पताल समेत 14 संस्थाएं और टीम-आई को 9 अस्पताल समेत 17 संस्थाओं जांच करनी है।

स्थानीय निकाय के अधिकारी भी शामिल
कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने जिले में संचालित क्लीनिक, अस्पताल, प्रसूतिगृह (मेटरनिटी होम), मेडिकल लेबोरेटरी, उपचर्या गृह, फिजियोथेरेपी सेंटर, डेंटल क्लीनिक, रेडियोलॉजिस्ट सेंटर (पैथलॉजी लैब) समेत स्वास्थ्य संबंधी संस्थाओं की बैध-अवैध की जांच के लिए कुल 9 टीमें गठित की। प्रत्येक कमेटी में स्थानीय निकाय व प्रशासन के अधिकारियों को मिलाकर चार से पांच सदस्यों को शामिल किया।

ऑपरेशन थियेटर मानक के अनुरूप नहीं मिला
इसी तरह ज्योति केंद्र के संचालक ने लाइसेंस अवधि समाप्त होने के बाद नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक नहीं पाए गए। अस्पताल में रैंप की सुविधा नहीं मिली। पीने का पानी और वाश बेसिन की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। ड्यूटी डॉक्टर के लिए रूम, कन्सल्टींग रूम, ट्राली बैग नहीं पाया गया। अस्पताल में बेड की स्थिति सही नहीं मिली। ऑपरेशन थियेटर मानक अनुरूप नहीं पाया गया। साथ ही ऑपरेशन थियेटर एवं लेबर रूम में आपातकालीन ट्राली नहीं मिली। कलेक्टर ने कहा है कि अस्पताल में पाई गई अनियमितताओं के आधार पर ज्योति केन्द्र, हाउसिंग बोर्ड कॉम्प्लेक्स बस स्टैण्ड दुर्ग का नर्सिंग होम एक्ट के तहत प्रदत्त लायसेंस का नवीनीकरण किया जाना संभव नहीं है। कलेक्टर का आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है।

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