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KBC के स्पेशल एपिसोड में आएगी छत्तीसगढ़ की पद्मश्री फूलबासन बाई, बिग बी अमिताभ बताएंगे संघर्ष और सफलता की कहानी

locationभिलाईPublished: Sep 26, 2020 05:14:05 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

बचपन में अक्सर भूखे पेट सोकर पहले गरीबी और फिर समाज से लड़कर लाखों महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने वाली पद्मश्री फूलबासन बाई के जज्बे को देश-विदेश के लोग देखेंगे। (KBC 2020)
 

KBC के स्पेशल एपिसोड में आएगी छत्तीसगढ़ की पद्मश्री फूलबासन बाई, बिग बी अमिताभ बताएंगे संघर्ष और सफलता की कहानी

KBC के स्पेशल एपिसोड में आएगी छत्तीसगढ़ की पद्मश्री फूलबासन बाई, बिग बी अमिताभ बताएंगे संघर्ष और सफलता की कहानी

कोमल धनेसर@भिलाई. बचपन में अक्सर भूखे पेट सोकर पहले गरीबी और फिर समाज से लड़कर लाखों महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने वाली पद्मश्री फूलबासन बाई के जज्बे को देश-विदेश के लोग देखेंगे। अगले सप्ताह से शुरू होने जा रहे कौन बनेगा करोड़पति के मंच पर राजनांदगांव की जिले की पद्मश्री फूसबासन यादव नजर आएंगी। उनका चयन स्पेशल एपीसोड के लिए किया गया है। इस स्पेशल एपीसोड में अमिताभ बच्चन (big b amitabh bachchan) फूसबासन बाई के गरीबी के संघर्ष से लेकर पद्मश्री तक के सफर को बताएंगे। फूलबासन की जिंदगी से जुड़े कुछ खास पहलुओं को कैमरे में कैद करने मुंबई से केबीसी की टीम भी उनके गांव सुकुलदेहान आएगी। (kaun banega crorepati 2020)
समाज में बनाई पहचान
हालांकि फूसबासन बाई का यह स्पेशल एपीसोड कब दिखाया जाएगा इसे लेकर अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। फिलहाल गांव की शूटिंग पूरी होने के बाद मुंबई से उन्हें बुलावा आएगा। फूसबासन का कहना है कि केबीसी की हॉटसीट तक पहुंचकर वो जो भी रकम जीतेगी उसे वह अपने उस सपने को पूरा करने में लगाएगी जिसके लिए वह खुद बचपन में तरसी। यानी वह ऐसे बच्चों को पढ़ाना चाहती है, जिनके माता-पिता शिक्षा देने में सक्षम नहीं है। साथ ही ऐसी जरूरतमंद और विधवा महिलाओं के लिए आश्रम बनाना चाहती है, जहां रहकर वे आत्मनिर्भर बनकर समाज में पहचान बना सकें।
KBC के स्पेशल एपिसोड में आएगी छत्तीसगढ़ की पद्मश्री फूलबासन बाई, बिग बी अमिताभ बताएंगे संघर्ष और सफलता की कहानी
2 लाख महिलाओं को किया सशक्त
हर शाम अपने बच्चों को भूखे पेट देख फूलबासन ने विपरीत परिस्थिति को अवसर बनाया। पहले दस बहनों का गु्रप बनाकर रामकोठी की स्थापना कर दो मु_ी चावल और हर हफ़्ते दो रुपए जमा करने की योजना बनाई उस वक्त गांव में इसका खूब विरोध हुआ। घर में पति से लेकर समाजिक विरोध को झेलकर फूसबासन ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ी। एक साल में ही लोगों को समझ आने लगा कि फूसबासन सही कर रही है। पहले पढ़ाई, भलाई और सफाई का नारा देकर गांव में उन्होंने सफाई अभियान शुरू किया।
इसके बाद उनके साथ महिलाएं जुड़ती चली गई। धीरे-धीरे नशाबंदी के खिलाफ भी काम करना शुरू किया और आत्मनिर्भर बनने दो मुठ्टी चावल जमा करने से लेकर बाजारों के ठेके तक फूलबसान के ग्रुप ने लिए। महिलाओं की मदद से जल्द ही समिति ने बम्लेश्वरी ब्रांड नाम से आम और नींबू के आचार तैयार किए और छत्तीसगढ़ के तीन सौ से अधिक स्कूलों में उन्हें बेचा जाने लगा। इसके अलावा उनकी संस्था अगरबत्ती, वाशिंग पावडर, मोमबत्ती, बड़ी-पापड़ आदि बना रही है जिससे दो लाख महिलाओं को स्वावलम्बन की राह मिली है।
पीछे मुड़कर नहीं देखा
फूलबासन ने 18 साल से लगातार महिला स्व-सहायता समूह के जरिए गांव की साफफाई, वृक्षारोपण, जलसंरक्षण, सिलाई-कढ़ाई सेन्टर का संचालन, बाल भोज, रक्तदान, सूदखोरों के खिलाफ जन-जागरूकता का अभियान, शराबखोरी एवं शराब के अवैध विक्रय का विरोध, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ जागरुकता अभियान, गरीब एवं अनाथ बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के साथ ही महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही हैं। फूलबासन को 2012 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्मश्री से नवाजा था।
ऐसी थी फूलबासन की जिदंगी
फूलबासन बाई बचपन में अपने माता-पिता के साथ चाय के ठेले में कप धोने का काम करती थी। गरीबी इतनी थी कि कई बार पूरा परिवार भूखा सोता था तो कई बार तो हफ़्तों खाना नहीं मिलता था। कभी कभी महीनों नमक नसीब नहीं होता और एक ही कपड़े में ही महीने निकल जाते। 12 वर्ष की उम्र में फूलबासन भाई की शादी एक चरवाहे से हुई और 20 साल की उम्र में वह 4 बच्चों की मां बन गई। इस बीच वह पति के साथ बकरी-गाय चराने का काम करने लगी।
भूखे बच्चों का किया स्वागत
अपने भूखे बच्चों के लिए फूलबासन बाई दर- दर अनाज मांगती थी, पर गांव में किसी ने कोई मदद नहीं की, यहां तक कि चावल बनाने के बाद निकला माड़ भी देने को तैयार नहीं था। इसी बीच उनसे ठाना कि वह बच्चों को भूखा नहीं रहने देगी और उस जैसी 10 मां को खोज कर उनसे दो-दो मु_ी चावल जमा कर समूह तैयार किया। फूलबासन के दृढ़ संकल्प से यह 10 महिलाओं का समूह आज 2 लाख महिलाओं में तब्दील हो चुका है और उन समूह का अब करोड़ों का टर्नओर है।
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