जानकारी के मुताबिक डोंगरगढ़ स्टेशन से रवाना हुई दुरंतो एक्सप्रेस मुसरा व बांकल के बीच ओएचई तार अचानक टूट गई। इस घटना में दूरंतो का पेंटा भी क्षतिग्रस्त हो गई। 5 किलोमीटर तक का ओएचई तार क्षतिग्रस्त और बिजली सप्लाई नहीं होने के कारण डाउन लाइन में चलने वाली गाडिय़ां 8 घंटे तक प्रभावित रही। इस वजह से सुबह 7 बजे पहुंचने वाली दुरंतो एक्सप्रेस दोपहर 2 बजे, मेल अपने निर्धारित समय से तीन घंटे विलंब शाम 7 बजे पहुंची। इसी तरह अमृतसर बिलासपुर एक्सप्रेस 4 घंटे विलंब से दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंची। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक बिलासपुर से नागपुर चलने वाले इंटरसिटी एक्सप्रेस को निर्धारित समय से 3 घंटा विलंब से छोड़ा जाएगा। इस घटना से ट्रेनों में सवार व स्टेशन पहुंचे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
घटना की सूचना मिलते ही तत्काल भिलाई से मरम्मत कार्यके लिए विशेष दल रवाना किया गया। इसके अलावा मरम्मत के लिए रायपुर व नागपुर की भी टीम पहुंची थी। टीम द्वारा टूटे ओएचई तार का मेंटनेंस व सुधार करने में करीब 8 घंटे का समय लगा।
घटना के बाद डाऊन लाइन की गाडिय़ों को मौके पर ही रोक दिया गया। इसमें दूरंतो मौके पर ही खड़ी रही। 4 घंटे बाद करीब 12 बजे दुरंतो को डीजल इंजन से निकाला गया। इसके बाद छत्तीसगढ़ और राजधानी एक्सप्रेेस को डोंगरगढ़ में ही रोका गया था।
मूसरा और बांकल के बीच हादसे के बाद नागपुर डिवीजन के एडीआरएम राठौर और नागपुर डिवीजन के सीनियर मंडल इलेक्ट्रिक इंजीनियर की देख रेख में 4 टीमें सुधार कार्य में लगी रहीं। सुधार कार्य के लिए डोंगरगढ़ से दो टॉवर वैगन के साथ ही दुर्ग व गोंदिया से भी एक-एक टॉवर वैगन बुलाई गई थी।
रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि ओएचई केबल वायर के माध्यम से ही ट्रेन चलती है। ठंड और बरसात के कारण इसका नियमित रखरखाव जरूरी है। हादसे में लापरवाही तो नहीं इसके लिए जांच टीम की गठित की गईहै।
घटना के बाद डोंगरगढ़ -रायपुर मेमू, रायपुर -इतवारी मेमू, रायपुर-डोंगरगढ़, गोंदिया-रायपुर मेमू को रद्द किया गया। वहीं निपनिया लोकल को दुर्ग से वापस किया गया। वहीं लोकल ट्रेनों के रद्द होने से ट्रेनों में फंसे यात्रियों को आगंतुक जगहों तक पहुंचाने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को दुर्ग तक पैसेंजर बना कर चलाया गया।