लोकल और स्पेशल एक्सप्रेस दौड़ रही
पावर हाउस रेलवे स्टेशन में हर दिन करीब आधा दर्जन से अधिक लोकल दुर्ग और रायपुर के मध्य दौडऩे के दौरान यहां ठहरती है। इसके अलावा 17 से अधिक स्पेशल ट्रेन भी यहां रुकती है। जिसमें आने व जाने वाली दुर्ग-पुरी, अहमदाबाद-पुरी, जयपुर पुरी, इंटरसिटी समेत अन्य एक्सप्रेस शामिल हैं।
स्टेशन के बाहर मिलता है नाश्ता और भोजन
पावर हाउस रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-एक और दो दोनों में ही कम से कम दो-दो कैंटीन की जरूरत है। स्टेशन में मुसाफिरों को नाश्ता, चाय, पानी, चाकलेट के लिए प्लेटफार्म से बाहर जाना पड़ता है। जिससे ट्रेन के छूट जाने का डर बना रहता है। यह चीजें प्लेटफार्म के भीतर ही मिल जाए तो मुसाफिरों के लिए राहत हो। पावर हाउस रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक-एक से बाहर निकलने पर नाश्ता के साथ-साथ भोजन भी मिलता है। मुसाफिर चाहते हैं कि चाय-नाश्ता और भोजन उनको सीट तक लाकर दिया जाए। अकेले सफर करने वाले स्टेशन में उतरना पसंद नहीं करते। इससे उनके सामान के चोरी होने की आशंका बनी रहती है।
लंबे समय से की जा रही मांग
कोरोना महामारी के बाद पावर हाउस रेलवे स्टेशन के दोनों ही प्लेटफार्म में अब मुसाफिरों को नाश्ता मिले। लंबे समय से यह मांग की जा रही है। हर दिन पावर हाउस रेलवे स्टेशन से करीब पांच हजार मुसाफिर विभिन्न ट्रेनों में सफर के लिए चढ़ते हैं।
हर दिन बिक रही 1.5 लाख की टिकट
पावर हाउस रेलवे स्टेशन से हर दिन करीब 1.5 लाख रुपए टिकट बिकती है। यहां से हजारों मुसाफिर सफर करते हैं। जिनके लिए अब तक रेलवे ने चाय, नाश्ता का इंतजाम नहीं है। रेलवे स्टेशन में नई कैंटीन शुरू हो जाए तो लंबी दूरी तक सफर करने वालों को राहत मिल जाए।