scriptभिलाई-तीन पीएचसी में पर्ची के लिए भीषण धूप में खड़े हो रहे मरीज | Patients standing in scorching sun for slip in Bhilai-3 PHC | Patrika News

भिलाई-तीन पीएचसी में पर्ची के लिए भीषण धूप में खड़े हो रहे मरीज

locationभिलाईPublished: May 01, 2022 08:13:03 pm

Submitted by:

Abdul Salam

अस्पताल में पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं,

भिलाई-तीन पीएचसी में पर्ची के लिए भीषण धूप में खड़े हो रहे मरीज

भिलाई-तीन पीएचसी में पर्ची के लिए भीषण धूप में खड़े हो रहे मरीज

भिलाई. शहर के 1.45 लाख की आबादी के स्वास्थ्य व्यवस्था का जिम्मा जिस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भिलाई-3 पर है, वहां 1 वार्डबाय, 2 फर्मासिस्ट, 1 ड्रेसर पदस्थ हैं। पीएचसी को अपग्रेड कर हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर बनाया गया है। जिसके बाद 24 घंटे 7 दिन डिलीवरी की सुविधा दी जानी है। जिसके लिए हर शिफ्ट में एक नियमित नर्स की ड्यूटी लगाना है। इस तरह से 6 से अधिक नर्स की जरूरत है, जिससे साप्ताहिक अवकाश रहे तब भी काम नियमित तौर पर चलता रहे। इसके अवाला पीएचसी, भिलाई-3 में पर्ची बनवाने के लिए मरीजों को भीषण धूप में खड़े होना पड़ता है। परिसर में न छांव की व्यवस्था है और पीने के लिए पानी का इंतजाम।

हर माह हो रही 30 से अधिक डिलीवरी, सुरक्षा के इंतजाम सिफर
जिला के दूसरे किसी भी पीएचसी की अपेक्षा भिलाई-तीन पीएचसी बेहतर काम कर रहा है। यहां हर दिन की ओपीडी ही करीब 150 के आसपास है। इस 6 बिस्तर अस्पताल में हर माह कम से कम 30 डिलीवरी हो रही है। इसके अलावा हर दिन कम से कम 4 मुलाहिजा के मामले आते हैं। इस अस्पताल में कर्मियों की संख्या और बढ़ाने की जरूरत है। 24 घंटे डिलीवरी की सुविधा यहां दी जा रही है, लेकिन रात में सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं होते।

परिसर में जमा हो जाएगा पानी
पीएचसी, भिलाई-3 परिसर का एक बड़ा हिस्सा जहां मरीज खड़े होकर पर्ची कटवाते हैं, वहां बारिश के दिनों में पानी एकत्र हो जाएगा। इस वजह से पेवर ब्लॉक लगाने की जरूरत है। इसके साथ-साथ अस्पताल आने वाले मरीजों व उनके रिश्तेदारों को धूप और बारिश से बचाने के लिए एक डोम शेड लगवाना होगा। इससे अस्पताल आने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।

सामाजिक संस्था ने लगाया था वाटर फिल्टर
अस्पताल परिसर में पहले सामाजिक संस्था ने बाबा आसुदाराम के नाम पर वाटर फिल्टर लगाया था। वह खराब होकर बंद हो चुका है। इसके बाद से मरीजों व उनके रिश्तेदारों के लिए यहां एक वाटर फिल्टर तक नहीं लगाया गया है। गर्मी के समय में मरीज देर तक धूप में कोरोना जांच, दवा या पर्ची बनाने के नाम पर कतार में लगते हैं। सुबह से ही गर्मी का एहसास होने लगा है, तब ठंडा पानी परिसर में तलाशते हैं, उनके हाथ कुछ नहीं लगता। इसी तरह से शौचालय भी पूरे अस्पताल परिसर में नजर नहीं आता। अस्पताल में मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं है।

6 से सीधे 20 बेड का बन रहा अस्पताल
पीएचसी, भिलाई-3 पहले 6 बेड का था, जिसे बढ़ाकर अब 20 बेड का किया जा रहा है। इसका काम लगातार जारी है। अस्पताल के बेड को बढ़ाया जा रहा है, इसके साथ-साथ चिकित्सकों व कर्मियों की संख्या को भी बढ़ाने की जरूरत है। जिससे अधिक मरीज दाखिल होने पर उनका देख-रेख सरकार की मंशा के मुताबिक हो सके।

आधा दर्जन से अधिक निजी अस्पताल फलफूल रहे
भिलाई-चरोदा में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों व कर्मियों की कमी होने के कारण आर्थिक तौर पर कमजोर मरीज भी अपना सबकुछ बेचकर निजी अस्पताल में इलाज कराने चले जाते हैं। डिलीवरी के लिए लोग सरकारी अस्पताल छोड़ निजी अस्पताल में जाते हैं और जो डिलीवरी नि:शुक्ल सरकारी अस्पताल में आसानी से हो जाती है, उसके बदले निजी अस्पताल में ऑपरेशन के नाम पर 60-60 हजार रुपए वसूल लिए जाते हैं।

पीएचसी भिलाई-3 पर नजर है हमारी
निर्मल कोसरे, महापौर, नगर पालिक निगम, भिलाई-चरोदा, ने बताया कि पीएचसी भिलाई-3 पर नजर है हमारी, यहां जो भी कमी है उसे दूर किया जाएगा। जिससे निगम क्षेत्र के लोगों को निजी अस्पताल जाने की जरूरत न पड़े।

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