एमबीए स्टूड़ेंट अविनाश , प्रिया, सुभाष आदि का मानना है कि जब तक राजनीति मेंं युवा सामने नहीं आएंगे तब तक नया कुछ नहीं होगा। क्योंकि युवा के पास नए आइडिया है। वह युवाओं की परेशानी को समझ सकता है। आज डिग्री लेने के बाद भी युवा अच्छी नौकरी के लिए भटक रहे हैं। भ्रष्टाचार टैलेंट को पीछे ढकेल रहा है। ऐसे में अगर कोई युवा लीडर सामने आता है तो वह सभी उनके साथ खड़े होंगे।
युवाओं का कहना है कि हमारे देश में पक्ष-विपक्ष केवल एक-दूसरे पर दोष लगाकर टाइम पास करते हैं जबकि विदेश में डेवलपमेंट के मुद्दे पर सब एक साथ मिलकर काम करते हैं। हमारे देश की राजनीति में जब तक परिवारवाद और जाति के नाम पर वोट की राजनीति खत्म नहीं होगी तब तक हम आगे नहीं बढ़ सकते।
चेंज की जरूरत तो हमारे देश के कानून में है। एमबीए की छात्राओं का कहना है कि दिल्ली में बैठकर मंत्री से लेकर सभी नारी सशक्तिकरण की बात करते हैं, पर बलात्कारियों के खिलाफ कोई कड़ा कानून नहीं लेकर आते। हमारे देश में 4 महीने की नवजात कन्या से लेकर 8 साल की बच्ची के साथ अनाचार हो रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा बदलाव तो बेटियों की सुरक्षा को लेकर आना चाहिए। अब तक के लीडर केवल राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हैं पर हम उनके साथ ही होंगे जो बेटियों का दर्द समझकर देश में कड़ा कानून लेकर आए जिसे सुनकर ही लोग सपने में भी अनाचार के बारे में ना सोंचे।
संतोष रूंगटा ग्रुप ऑफ कॉलेजेस में इंजीनियरिंग और एमबीए स्टूडेंट्स पत्रिका के महाअभियान स्वच्छ करें राजनीति से जुड़कर देश में बड़े बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। मंगलवार को कोहका स्थित संतोष रूंगटा कैंपस में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों सहित देश के अन्य प्रदेशों से भी आए युवा इस मुहिम में साथ देने को तैयार हैं।
अविनाश कुमार, प्रिया तिवारी, अनुप्रिया गढ़वाल, आर विभाग सागेड़, अइमत कुमार सिंह, शिवानी प्रसाद, सुभाष कुमार पाठक, साही प्रभा सिंह, नेह ताम्रकार, हिमांशु बनिक, अभिषेक कुमार साहू, अंकित कांति कुमार मेश्राम, यास्मिन, बीना कौर सहगल, सपवना अग्रवाल शालिनी गुप्ता शामिल हैं।