युवा अब रबर स्टॉम्प बनकर अपना वोट बर्बाद नहीं करेंगे बल्कि वे समझ चुके हैं कि पढ़े-लिखे युवा ही राजनीति का चेहरा बदल सकते हैं।
भिलाई. कभी आरक्षण के नाम पर तो कभी जाति के नाम पर राजनीतिक पार्टियों ने हमेशा से ही लोगों की भावनाओं का फायदा उठाया है। पर जब बात विकास की आती है तो नेता अपने ही फायदा देखते हैं। ऐसे लोगों की वजह से अच्छे लोग चाहकर भी राजनीति में आना नहीं चाहते। पर अब वक्त बदल रहा है। युवा अब रबर स्टॉम्प बनकर अपना वोट बर्बाद नहीं करेंगे बल्कि वे समझ चुके हैं कि पढ़े-लिखे युवा ही राजनीति का चेहरा बदल सकते हैं।
भिलाई महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग की छात्राएं पत्रिका चेंजमेकर अभियान के साथ अब भिलाई महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग की छात्राएं भी जुड़ चुकी हैं। इनमें से कई ऐसी भी हंै जो खुद को चेंजमेकर्स की भूमिका में देखती हंै। इन छात्राओं ने बेबाकी से कहा कि आज देश में जैसे हालात हो चुके हैं वह संकेत है कि राजनीति में बड़ा बदलाव आना चाहिए। भिलाई महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. जेहरा हसन एवं बीएड की विभागाध्यक्ष मोहना सुशांत पंडि़त ने कहा कि पत्रिका का यह अभियान युवाओं में एक नई जागरूकता लेकर आएगा और वे देश की राजनीति को स्वच्छ करने अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।
आरक्षण नहीं, टैलेंट हो पैमाना पत्रिका चेंजमेकर्स अभियान में बतौर वालंटियर जुड़ी छात्राओं ने कहा कि वे चाहती हैं कि देश में एक ऐसा चेंजमेकर्स सामने आए जो युवाओं को आरक्षण व्यवस्था पर नहीं टैलेंट के जरिए आगे आने का मौका दें। क्योंकि आरक्षण की वजह से अच्छे टैलेंट दबकर रह जाते हैं।
कानून में हो सबसे बड़ा बदलाव इन भावी शिक्षकों का कहना है कि आज सबसे ज्यादा बदलाव की जरूरत कहीं है तो वह है कानून में। देश में बढ़ते अनाचार और महिलाओं के शोषण की घटना जिस तरह से बढ़ रही है। उसे रोकने सख्त कानून की जरूरत है। ऐसा कानून जिसे सुनते ही लोगों की रूह तक कांप जाए। पर यह तभी संभव है जब जनप्रतिनिधियों के मन में महिलाओं और बेटियों के प्रति संवेदना नहीं होगी, वे इस तरह के कानून की पैरवी नहीं करेंगे।
हम देंगे साथ दलगत राजनीति से उपर उठकर छात्राएं अब ऐसे लोगों का साथ देना चाहती हैं जो स्वच्छ छवि का हो और राजनीति में दूसरों के लिए भी मिसाल बन सकें। इनका कहना है कि राजनीति में धन-बल और बाहुबल का बोलबाला है पर एक वक्त ऐसा जरूर आएगा जब लोग अच्छे लोगों को वोट देकर जिताएंगे।
यह बनें वालंटियर श्रद्धा सिकरे, नीता द्विवेदी, नीता शर्मा, मंजू मंदारी, नूतन शर्मा, कविता वर्मा, मनीषा बंजारे, सुमन साहू, अनुसुईया देशमुख, शबनम परवीन, लीना, स्वाति कुमारी, काकोली सिन्हा, रोशनीन, नेहरा केरकेट्टा, चित्रलेखा, सोनाली मढ़रिया, कीर्ति बपत, महेश्वरी वर्मा, स्वाति सिंह, भूपिका, तृप्तमई घोष, नीतू साहू, नाजनीन बेग, के भावना,आशा साहू व अन्य शामिल हैं।