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पत्रिका पैरेंटिंग टुडे को विधानसभा सचिव ने सराहा, एक्सपर्ट्स ने उलझे मन और सवालों को सुलझाया

locationभिलाईPublished: Sep 20, 2018 02:58:36 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने पैरेंटिंग टुडे के आयोजन को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि जिस तरह सामाजिक बदलाव आया है, उसमें बच्चों की परवरिश को लेकर कई तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं

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पत्रिका पैरेंटिंग टुडे को विधानसभा सचिव ने सराहा, एक्सपर्ट्स ने उलझे मन और सवालों को सुलझाया

भिलाई. जमाना तेजी से बदल रहा है, उसके साथ ही इंसान की सोच भी। आजकल माता-पिता और बच्चों में दूरियां आम बात हो गई है। माता-पिता और बच्चे का बरसों पुराना रिश्ता काफी हद तक खत्म हो गया है। जनरेशन गैप के चलते माता-पिता तिरस्कार का शिकार हो रहे हैं।
हाईटेक संतान अपने माता-पिता को पुराने ख्यालों वाला समझने लगी हैं। यह विचारधारा समाज को अपनी गिरफ्त में कर चुकी है। इसी तरह के विचारों और बच्चों में सही नजरिया देने के मकसद से पत्रिका और न्यू पीटी सचदेवा कॉलेज के तत्वावधान में पैरेंटिंग टुडे का आयोजन विधानसभा के आवासीय परिसर में किया गया।
इसमें सर्टिफाइड पैरेंटिंग कोच चिरंजीव जैन और कॅरियर काउंसलर डॉ. किशोर दत्ता और पत्रिका भिलाई के संपादक नितिन त्रिपाठी ने पैरेंट्स और बच्चों के सवालों के जवाब दिए। कार्यक्रम का संचालन रिपोर्टर दाक्षी साहू ने किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने पैरेंटिंग टुडे के आयोजन को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि जिस तरह सामाजिक बदलाव आया है, उसमें बच्चों की परवरिश को लेकर कई तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं। यह समय और समाज से प्रभावित हैं साथ ही इसकी विषंगतियों से उत्पन्न हालात समाज पर भी असर डालते हैं।
दोस्ताना व्यवहार जरूरी
कार्यक्रम में काउंसलर चिंरजीव जैन ने माता-पिता को संबोधित करते हुए कहा कि वे बच्चों पर अपने सपने का बोझ न थोपें, बल्कि उनके हुनर को पहचानकर उन्हें आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। वहीं जब बच्चा किशोर अवस्था की ओर बढ़ता है तो उसके मन में कई सवाल चलते हैं। बच्चे जब टीनएज में आते हैं तब उनके साथ दोस्त की तरह बात करें तभी वह अपनी समस्या आपसे शेयर करेंगे। कई बार आपके व्यवहार के कारण बच्चे अपनी बातंे छुपाने लगते हैं। उनसे दोस्ताना व्यवहार जरूरी है।
कॉन्संट्रेशन पर डॉ. दत्ता ने डाला प्रकाश
कॅरियर काउंसलर डॉ. किशोर दत्ता ने कॉन्संट्रेशन बढ़ाने के तरीकों से पालकों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि कोई बच्चा अधिक देर तक एक जगह बैठकर नहीं पढ़ता, वह कभी यहां भागेगा तो कभी वहां। इसका मतलब है कि वह स्टडी को सही फोकस नहीं कर पा रहा इसके लिए उन्होंने बताया कि अगर आप कॉन्संट्रेट नहीं होते तो पहले एक कुर्सी पर बैठकर हाथ को सीधा करके गिलास पकड़े बैठे रहें जब तक हाथ दर्द न होने लगे। बार-बार यह क्रिया करने से कुछ दिन बाद आप कॉन्संटे्रट होने लगेंगे। इसी तरह पढ़ाई से पहले आप किस विषय को पढ़ रहे हैं उसकी जानकारी होना जरूरी है, तभी उसमें रुचि ले पाएंगे।
आज की पीढ़ी में क्यों आ रहा है जेनरेशन गैप
छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने बताया कि जनरेशन गैप में पूरा दोष माता-पिता का है, वे अपने बच्चों को समय नहीं देते तो उनके बारे में समझ ही नहीं पाएंगे। यही कारण बनता है कि बच्चे पेरेंट्स के पास कम समय स्पेंड करने लगते हैं। वहीं अगर बच्चे हाइटेक हैं तो पेरेंट्स को भी थोड़ा हाइटेक बनना होगा। कॉम्पीटिशन की तैयारी किस तरह की जाए?
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