लाइफ कोच चिरंजीव जैन ने युवाओं से कहा कि वे खुद को फोकस करने वाले स्पॉटलाइट सिंड्रोम से बचें। क्योंकि युवाओं के लिए 18 से 28 वर्ष तक के जीवन का सफर काफी महत्वपूर्ण होता है। खासकर कॉलेज के पांच साल बहुमूल्य है जो आपके जीवन में लौटकर नहीं आएंगे। इसलिए खुद की ताकत को समझें और अपना आंकलन करें कि आप क्या कर सकते हैं। कमजोरी को पहचान कर उसका लाभ लेना सीखे।
कॅरियर काउंसिलर डॉ. किशोर दत्ता ने युवाओं से कहा कि वे अपनी स्ट्रीम के अनुसार जॉब सर्च करना शुरू करें ताकि उन्हें समझ आए कि उनके पास एक नहीं दो नहीं बल्कि हजार से ज्यादा ऑप्शन है। उन्होंने कहा कि युवा केवल अपने आस पास की चीजों को देख पाते हैं। खुद को एक्सपोज करें और अपने सबजेक्ट के बारे में ज्यादा से ज्यादा सर्च करें क्योंकि इंटरनेटर पर व्यापक जानकारी है। बस इसे आप किस ढंग से उपयोग करते हैं यह आपके उपर है।
एक्सपर्ट ने युवाओं के सवालों के अलावा कई और भी टिप्स दिए। जिसमें उन्होंने सुबह उठने के एक घंटे बाद और रात को सोने से एक घंटे पहले तक मोबाइल का उपयोग ना करें, क्योंकि मोबाइल में उलझकर हम अपना सिर्फ समय ही खराब करते हैं। उन्होंने कहा कि अपने पैरेंट्स की हमेशा इज्जत करें क्योंकि पूरी दुनिया में केवल पैरेंट्स ही है जो हमारे लिए सबसे अच्छा सोचते हैं। यह बात अलग है कि आप अगर कुछ बेहतर करना चाहते हैं तो उन्हें जरूर समझाइएं क्योंकि वे आपकी बात जरूर समझेंगे।
0- पापा का कहना है पढ़ाई करो..पर मन करता है कुछ और करूं.. पैरेंट्स को कैसे समझाऊं- अविनाश
00 आप जो भी करना चाहते हैं पहले उसे एक प्रोजक्ट के रूप में लिखिए और फिर अपने पैरेट्स को उसके फायदे और नुकसान के साथ आगे बढऩे की संभावनाओं को समझाइए। अपने सपनों को अगर साकार करना है तो थोड़ा रिस्क लेकर शुरुआत करनी होगी,लेकिन इसके पहले रिसर्च करना जरूरी है।
00- आप नेट की तैयारी जारी रखें, रही बात नौकरी की तो, यह तो घर पर ट्युशन लेकर भी कमाई की जा सकती है। देश को अच्छे साइंटिस्ट की जरूरत है और रिसर्च में काफी संभावनाएं है। आप अभी से रिसर्च के लिए अच्छे इंस्टीट्यूशन को तलाश जारी रखें।
00- फूड इंडस्ट्री में काफी स्कोप है, अगर वाकई आप अपने आइडिया को लेकर गंभीर है तो उस प्रोजक्ट का मार्केट रिसर्च कर उनकी पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर फोकस करें। कुछ सफल लोगों से मिलें साथ ही पैरेंट्स को अपने विश्वास में लें कि आप जो कह रहे हैं उसमें सफलता जरूर मिलेगी। रही बात हर बार नया कुछ करने के बारे में सोचने की तो ओवर बर्डन ऑफ च्वाइसेस से बचे और किसी एक पर फोकस करें।
00- पीएससी पर ज्यादा फोकस करें, क्योंकि हमें लगता है कांपीटिशन ज्यादा है पर कांपीटिशन नहीं भीड़ ज्यादा होती है। खुद की रूचि और ताकत को पहचान कर आगे बढ़ें और जमकर तैयारी करें, क्योंकि जब एक रिक्शा चालक का बेटा आईएएस बन सकता है तो आपके पास काफी सुविधाएं है बस जरूरत है अपने लक्ष्य के पीछे भागने की।
00 जब तक आप शेड्युल से भटकने लगती हैं तब आप खुद से ही सवाल करें और खुद ही अपने कोच बने और जब यह संभव न हो तो अपने पैरेंट्स, भाई-बहन , सहेली या कॉलेज के किसी टीचर को अपना कोच बनाए और उनसे कहें कि वे समय समय पर आपको सवाल पूछते रहे और आपके लक्ष्य को याद दिलाते रहें।
00 मेरिड वींमस के पास चैलेंज ज्यादा है पर आपको अपनी जिम्मेदारियों को बांटना होगा और खुद ही टाइम मैनेज करना होगा। यदि सीजी टेट और सीबीएससी टेट की तैयारी करनी है तो पहला फोकस पढ़ाई होना चाहिए। घरवालों को भी समझाइए कि एग्जाम टाइम में वे आपका साथ दें ताकि आपको पढऩे का वक्त मिल सकें। कॉलेज की लाइब्रेरी में भी बैठकर आप तैयारी कर सकते हैं।
00- जब जागे तब सवेरा होता है.. कुछ ऐसे ही यूपीएससी की तैयारी आप शुरू कीजिए। फार्म भरिए और सिलेबस के अनुसार तैयारी करें, जिसमें खासकर 6 वीं से 10 वीं तक एनसीईआरटी की किताबों को पढ़ें और अपना जनरल नॉलेज काफी मजबूत करें।यदि आपको कलक्टर ही बनना है तो अपने एटीट्यूड में उसे लेकर आएं। एक ऐसा ग्रुप बनाएं जो सिर्फ इसी की तैयारी के संबंध में बात करता हो।