पूछे गए सवाल जो आपसे भी जुड़े हैं…
सवाल – अगर, माता-पिता बच्चों को अपनी तरह बनाना चाहें तो क्या ये गलत है? पैरेंट्स के हिसाब से बच्चे तैयार नहीं होंगे?
जवाब – हर डॉक्टर पिता चाहता है कि मेरा बेटा भी डॉक्टर बने। आप सही हो सकते हैं, लेकिन यह बात गलत है। हर बच्चा अपनी यात्रा में होता है। हम उसके फैसेलिटेटर हैं, न की उसके कोच। उस पर दबाव डालकर उसे अपनी तरह से तैयार करना सही नहीं है। हो सकता है वो डॉक्टर की बजाए बेहतर सिंगर बनना चाहता हो। इसमें उसे कामयाबी मिले।
सवाल – अगर, माता-पिता बच्चों को अपनी तरह बनाना चाहें तो क्या ये गलत है? पैरेंट्स के हिसाब से बच्चे तैयार नहीं होंगे?
जवाब – हर डॉक्टर पिता चाहता है कि मेरा बेटा भी डॉक्टर बने। आप सही हो सकते हैं, लेकिन यह बात गलत है। हर बच्चा अपनी यात्रा में होता है। हम उसके फैसेलिटेटर हैं, न की उसके कोच। उस पर दबाव डालकर उसे अपनी तरह से तैयार करना सही नहीं है। हो सकता है वो डॉक्टर की बजाए बेहतर सिंगर बनना चाहता हो। इसमें उसे कामयाबी मिले।
सवाल – मेरा बेटा पढ़ाई में अव्वल है, लेकिन वो किसी भी सोशल प्रोग्राम में इनवॉल्व नहीं होना चाहता। उसे इंट्रेस्ट नहीं। क्या ये टेंशन का विषय है?
जवाब – कई बच्चे होते हैं, जो सिर्फ एक माइंड सेट बनाकर चलते हैं। उसने पढ़ाई को चुना है। वह इसमें ही बेहतर कर दिखाएगा। हालांकि उसे दूसरी चीजों में भी आगे आना चाहिए, लेकिन आप उसे उतना ही रिक्वेस्ट करें जितने वो उत्साहित हो। कुछ नया करने का फैसला उसे लेने दें।
जवाब – कई बच्चे होते हैं, जो सिर्फ एक माइंड सेट बनाकर चलते हैं। उसने पढ़ाई को चुना है। वह इसमें ही बेहतर कर दिखाएगा। हालांकि उसे दूसरी चीजों में भी आगे आना चाहिए, लेकिन आप उसे उतना ही रिक्वेस्ट करें जितने वो उत्साहित हो। कुछ नया करने का फैसला उसे लेने दें।
सवाल – बिटिया एमबीबीएस करना चाहती थी, लेकिन सलेक्शन नहीं हुआ। वह पढ़ाने में बहुत अच्छी है, स्किल्ड लोगों की तरह टीचिंग करती है पर वह टीचर नहीं बनना चाहती। उसे मेडिकल न मिलने का टेंशन है, क्या करें?
जवाब – आगे बढऩे के लिए एक एग्जाम को पैमाना मान कर न चलें। आपकी बिटिया चाहे तो मेडिकल के चुनिंदा क्षेत्र में बीएससी करने के बाद इसमें एमफिल या पीएचडी कर सकती हैं। ऐसे उनका मेडिकल में इंट्रेस्ट भी बना रहेगा और उनकी टीचिंग स्किल के जरिए पढ़ाने का काम भी कर पाएंगी।
जवाब – आगे बढऩे के लिए एक एग्जाम को पैमाना मान कर न चलें। आपकी बिटिया चाहे तो मेडिकल के चुनिंदा क्षेत्र में बीएससी करने के बाद इसमें एमफिल या पीएचडी कर सकती हैं। ऐसे उनका मेडिकल में इंट्रेस्ट भी बना रहेगा और उनकी टीचिंग स्किल के जरिए पढ़ाने का काम भी कर पाएंगी।
सवाल – कहा जाता है कि बच्चों की तुलना न करें, लेकिन तुलना पॉजीटिव हो तो क्या दिक्कत है?
जवाब – हम तुलना झुंझलाहट में करते हैं। तुलना सकारात्मक तभी हो सकती है, जब हम बच्चे की अच्छाइयों पर बात करें। वैसे तुलना किया जाना किसी को भी पसंद नहीं, फिर वो तो बच्चा है।
जवाब – हम तुलना झुंझलाहट में करते हैं। तुलना सकारात्मक तभी हो सकती है, जब हम बच्चे की अच्छाइयों पर बात करें। वैसे तुलना किया जाना किसी को भी पसंद नहीं, फिर वो तो बच्चा है।
सवाल – बच्चे को सिर्फ स्कूल या ट्यूशन के भरोसा छोड़ा जाने लगा है, क्या ये उस पर विपरित प्रभाव डालेगा?
जवाब – जो पैरेंट्स बच्चे को सिर्फ स्कूल या ट्यूशन भेजकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं, इसमें पहला नुकसान उनका ही है। बच्चे को टाइम न देना उसे आपसे दूर करेगा। वह इसके लिए दूसरों पर निर्भर हो जाएगा, जिससे बात बिगड़ सकती है।
जवाब – जो पैरेंट्स बच्चे को सिर्फ स्कूल या ट्यूशन भेजकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं, इसमें पहला नुकसान उनका ही है। बच्चे को टाइम न देना उसे आपसे दूर करेगा। वह इसके लिए दूसरों पर निर्भर हो जाएगा, जिससे बात बिगड़ सकती है।
सवाल – मैं अपनी तीन बहनों को पढ़ाई के लिए शहर लाया, दिन-रात मेहनत कर उन्हें पढ़ा रहा हूं, लेकिन वो कहती हैं कि मैं उन्हें समय नहीं दे पाता, क्या करूं?
जवाब – आपको उन्हें बैठाकर समझाना होगा कि अभी जो आप कर रहे हैं, वो सबकी भलाई के लिए ही हैं। एक-दो दिन में सब साथ बैठकर खाना खाते वक्त भी यदि बात कर ली जाए तो यह काफी होता है। उन्हें क्वालिटी टाइम दीजिए।
जवाब – आपको उन्हें बैठाकर समझाना होगा कि अभी जो आप कर रहे हैं, वो सबकी भलाई के लिए ही हैं। एक-दो दिन में सब साथ बैठकर खाना खाते वक्त भी यदि बात कर ली जाए तो यह काफी होता है। उन्हें क्वालिटी टाइम दीजिए।
सवाल – मेरी बहन कराते में स्टेट चैम्पियन है, लेकिन इससे उसकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। पढऩे में मन नहीं लगता, वो सिर्फ कराते में ही आगे बढऩा चाहती है, कैसे समझाऊं?
जवाब – आप ही वो फैक्टर हैं, जो चेंज ला सकते हैं। उन्हें पढ़ाई की एहमियत बताइए। ये भी समझाएं कि खेल जारी रखे लेकिन पढ़ाई को भी उतना ही वक्त दें। कम से कम ग्रेजुएशन तो पूरा होना चाहिए। इससे उन्हें रेलवे या अन्य जगहों पर खेल कोटे से नौकरी भी मिल सकती है।
जवाब – आप ही वो फैक्टर हैं, जो चेंज ला सकते हैं। उन्हें पढ़ाई की एहमियत बताइए। ये भी समझाएं कि खेल जारी रखे लेकिन पढ़ाई को भी उतना ही वक्त दें। कम से कम ग्रेजुएशन तो पूरा होना चाहिए। इससे उन्हें रेलवे या अन्य जगहों पर खेल कोटे से नौकरी भी मिल सकती है।
सवाल – अभी १२वीं पास किया है, एयरलाइंस में जाना चाहती हूं। कौन सी बातें जरूरी होती हैं?
जवाब – एयरलाइंस के लिए पहले खुद को परख लें। क्या आपमें अट्रैक्टिव पर्सनालिटी, हिंदी व अंग्रेजी का बेहतर कमांड और कम्युनिकेशन स्किल हैं तो यह फील्ड बढिय़ा है। कई संस्थान हैं जो ट्रेनिंग दे रहे हैं, लेकिन पहले इनका ठीक से रिव्यू कर लें, ताकि प्लेसमेंट में दिक्कत न आएं।
जवाब – एयरलाइंस के लिए पहले खुद को परख लें। क्या आपमें अट्रैक्टिव पर्सनालिटी, हिंदी व अंग्रेजी का बेहतर कमांड और कम्युनिकेशन स्किल हैं तो यह फील्ड बढिय़ा है। कई संस्थान हैं जो ट्रेनिंग दे रहे हैं, लेकिन पहले इनका ठीक से रिव्यू कर लें, ताकि प्लेसमेंट में दिक्कत न आएं।
सवाल – देशभर में गल्र्स सेफ्टी के लिए इंतजाम हो रहे हैं, लेकिन पैरेंट्स अपने स्तर पर क्या व्यवस्था रखें?
जवाब – सबसे पहले बच्चे को यह समझाएं कि चाहे जो हो आपसे झूठ न बोले। यानि आपको यह पुख्ता होना चाहिए कि बच्चा कहां है। आप उसके मोबाइल में एप के जरिए पैनिम बटन इंस्टॉल कर सकती हैं। उन्हें सेल्फ डिफेंस सिखाना भी अब वक्त की मांग है।
जवाब – सबसे पहले बच्चे को यह समझाएं कि चाहे जो हो आपसे झूठ न बोले। यानि आपको यह पुख्ता होना चाहिए कि बच्चा कहां है। आप उसके मोबाइल में एप के जरिए पैनिम बटन इंस्टॉल कर सकती हैं। उन्हें सेल्फ डिफेंस सिखाना भी अब वक्त की मांग है।
सवाल – क्या पैरेंट्स को अपने बच्चों के साथ फ्रेंडली होना चाहिए?
जवाब – बच्चों के साथ फ्रेंडली होना है, न की उनके साथ इसका नाटक करें। फें्रडली बनकर उनकी जासूसी तो बिल्कुल भी नहीं। बच्चों को माता-पिता से बेहतर कोई नहीं जान सकता। इसलिए फ्रेंडली जरूर हों, लेकिन ईमानदारी के साथ।
जवाब – बच्चों के साथ फ्रेंडली होना है, न की उनके साथ इसका नाटक करें। फें्रडली बनकर उनकी जासूसी तो बिल्कुल भी नहीं। बच्चों को माता-पिता से बेहतर कोई नहीं जान सकता। इसलिए फ्रेंडली जरूर हों, लेकिन ईमानदारी के साथ।
सवाल – १२वीं के बाद अब मेरा इंट्रेस्ट थिएटर में है, मुझे कहां एडमिशन लेना चाहिए?
जवाब – आप चाहें तो एनएफटी या एनएसडी से थिएटर में डिग्री या डिप्लोमा कर सकते हैं। इसके अलावा पहले अपना सामान्य ग्रेजुएशन करें, साथ-साथ किसी नाट्य संस्था के साथ जुड़कर अपनी इनर क्वालिटी को बेहतर कर सकते हैं।
जवाब – आप चाहें तो एनएफटी या एनएसडी से थिएटर में डिग्री या डिप्लोमा कर सकते हैं। इसके अलावा पहले अपना सामान्य ग्रेजुएशन करें, साथ-साथ किसी नाट्य संस्था के साथ जुड़कर अपनी इनर क्वालिटी को बेहतर कर सकते हैं।