READ More: Patrika Positive News : टूटती सांसों से जीवन को खत्म होते देख दोस्तों ने मिलकर बनाया ऑक्सीजन बैंक, 70 से ज्यादा लोगों की बचाई जान … गंभीर स्थिति में भर्ती हुई थी युवती
कोविड केयर हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि जब जूली का एडमिशन हुआ उस समय उसकी स्थिति गंभीर थी। डॉक्टरों के द्वारा जरूरी मेडिसिन प्लान किए गए। धीरे-धीरे राहत मिलती गई और अब जूली पूरी तरह से संक्रमण से बाहर और स्वस्थ है। उन्हें पोस्ट कोविड केयर एक्सरसाइज के बारे में बताया गया है। जूली के पिता ने बताया कि हमें उम्मीद से भी अधिक अच्छा इलाज और इतना अच्छा केयर यहां मिल पाया। यहां डॉक्टर्स दो से तीन बार राउंड लगाते हैं और मरीज के पैरामीटर पर पूरी तरह से नजर रखते हैं।
कोविड केयर हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि जब जूली का एडमिशन हुआ उस समय उसकी स्थिति गंभीर थी। डॉक्टरों के द्वारा जरूरी मेडिसिन प्लान किए गए। धीरे-धीरे राहत मिलती गई और अब जूली पूरी तरह से संक्रमण से बाहर और स्वस्थ है। उन्हें पोस्ट कोविड केयर एक्सरसाइज के बारे में बताया गया है। जूली के पिता ने बताया कि हमें उम्मीद से भी अधिक अच्छा इलाज और इतना अच्छा केयर यहां मिल पाया। यहां डॉक्टर्स दो से तीन बार राउंड लगाते हैं और मरीज के पैरामीटर पर पूरी तरह से नजर रखते हैं।
25 बेड का आईसीयू शुरू
चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में 25 बेड का आईसीयू भी शुरू हो गया है। यहां सभी बेड में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है तथा आईसीयू केयर स्टाफ 24 घंटे के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ उपलब्ध है। इसके चलते अब बेहद क्रिटिकल मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की आवश्यकता नहीं रह गई है। उल्लेखनीय है कि कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए हॉस्पिटल में तेजी से ऑक्सीजन बेड एवं अतिरिक्त हॉस्पिटल मैनेजमेंट स्टाफ का इंतजाम किया गया। इससे मरीजों की रिकवरी काफी तेज हुई है और बहुत से गंभीर मरीज बेहतर हालात में रिकवर होकर घर लौट गए हैं।
चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में 25 बेड का आईसीयू भी शुरू हो गया है। यहां सभी बेड में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है तथा आईसीयू केयर स्टाफ 24 घंटे के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ उपलब्ध है। इसके चलते अब बेहद क्रिटिकल मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की आवश्यकता नहीं रह गई है। उल्लेखनीय है कि कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए हॉस्पिटल में तेजी से ऑक्सीजन बेड एवं अतिरिक्त हॉस्पिटल मैनेजमेंट स्टाफ का इंतजाम किया गया। इससे मरीजों की रिकवरी काफी तेज हुई है और बहुत से गंभीर मरीज बेहतर हालात में रिकवर होकर घर लौट गए हैं।