
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के पिछले दो सप्ताह में ही पूरे छत्तीसगढ़ में एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जो सचेत हैं वहीं ठगों के बुने हुए जाल में फंसने से बच पा रहे हैं। पत्रिका रक्षा कवच अभियान में भी आम जन जुड़ रहे हैं और बता रहे हैं अपनी आपबीती। कैसे उन्होंने साइबर ठगों से खुद को बचाया क्योंकि अखबार पढ़कर वे ऐसे मामलों से परिचित थे।
ऐसी ही एक कहानी है दुर्ग के निवासी अवतार सिंह की। इनको दो बार ठगों के कॉल आए, लेकिन उन्होंने पत्रिका में लगातार छप रही खबरों को पढ़ा था, इसलिए जाल में नहीं फांस पाए। इसी तरह एक महिला ने रायपुर में डिजिटल अरेस्ट हुए अपने बच्चे को थोड़ी सी जागरुकता के कारण बचा लिया। कुम्हारी का दंपती चार घंटे डिजिटल अरेस्ट रहा, फिर उन्हें अखबार की याद आई और ठगों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
1 डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था नहीं होती है, कोई कहता है तो बिल्कुल बातों में नहीं आएं
2 कोई अनजान वीडियो कॉल में पुलिस या वकील की वर्दी पहनकर आपको डराने या धमकाने का प्रयास करे तो सीधे थाने में मामला दर्ज कराएं।
3 किसी को निजी जानकारी सोशल मीडिया पर नहीं दें।
4 रुपयों की मांग यदि वीडियो कॉल पर की जा रही है तो तत्काल फोन काटकर परिचितों को जानकारी दें।
दुर्ग में मोहन नगर थाना क्षेत्र के रहवासी अवतार सिंह ने पत्रिका से अपनी सजगता को साझा किया। उन्होंने बताया कि पहले उनके मोबाइल पर फ्रॉड ने कॉल किया। उसके प्रोफाइल पर पुलिस की फोटो लगी थी। कॉल करने बाद उसने पहले डराने की कोशिश की।
अरेस्ट करने की बात कह रहा था। जिस नंबर से कॉल किया था, उसके शुरुआत में प्लस 92 कोड था, जो पाकिस्तान का है। उसकी बातों से समझ आ गया कि अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। तत्काल कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। कुछ दिनों बाद उनकी मां को मोबाइल पर कॉल कर साइबर ठग डराने लगे। मां भयभीत हो गई थी।
सोशल मीडिया पर साइबर प्रहरी ग्रुप में पोस्ट किए पत्रिका न्यूज की कटिंग को पढ़ा था। उसमें डिटेल में साइबर फ्रॉड से बचने के जानकारी दी गई थी। डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, यह उस खबर में था। साइबर ठग ने मां को कॉल किया और कहने लगा कि तुम्हारा बेटा मेरे पास अरेस्ट है।
पीछे से कोई आवज भी आ रही थी कि मां बचा लो। मां पूरी तरह से डर गई। फिर ठगों ने मां को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। ठग ने उससे 5 लाख रुपए की मांग की और कहा कि पैसा ट्रांसफर करने के बाद ही बेटा को छोड़ेगे। गनीमत कि उसी समय मेरे बेटे ने मुझे फोन लगाया। पूछा कि पापा कहां हैं, दादी के पास किसी ने फोन कर कहा कि आपको पुलिस ने पकड़ लिया है।
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: दादी को भी डिजिटल अरेस्ट कर लिया है। तत्काल खबर की याद आ गई और बेटे को समझाया कि डिजिटल अरेस्ट कोई नहीं कर सकता है। साइबर फ्रॉड करने वालों के कॉल हैं, मोबाइल बंद कर दो। इसके बाद से पूरा परिवार सचेत हो गया। लोगों से अपील करता हूं कि किसी अनजान की कॉल पर भरोसा न करें। अगर कोई किसी परिजन को अरेस्ट करने की बात कह रहा है तो बेहतर है संबंधित को तत्काल कॉल कर लें।
Updated on:
03 Dec 2024 11:10 am
Published on:
03 Dec 2024 09:41 am
बड़ी खबरें
View Allभिलाई
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
