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छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के 8 गांवों में कोरोना टीकाकरण को लेकर अफवाह: टीका लगाने से लोग हो रहे हैं बीमार

locationभिलाईPublished: Jun 11, 2021 03:16:08 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

दुर्ग जिले के ग्राम पीपरछेड़ी की आबादी करीब 1235 के करीब है। गांव के सरपंच बाल किशन ठाकुर और मितानिन घर-घर पहुंचकर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक कर रहे हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं हो रहा है।

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छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले के 8 गांवों में कोरोना टीकाकरण को लेकर अफवाह: टीका लगाने से लोग हो रहे हैं बीमार

भिलाई. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम पीपरछेड़ी की आबादी करीब 1235 के करीब है। गांव के सरपंच बाल किशन ठाकुर और मितानिन घर-घर पहुंचकर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक कर रहे हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं हो रहा है। गांव की एक 51 वर्षीय महिला ने बताया कि उसने टीका नहीं लगवाया है और लगवाएगी भी नहीं।
पत्रिका की टीम ने महिला से जब टीका नहीं लगवाने का कारण पूछा तो उसने बताया कि गांव के दो लोगों ने कोरोना का टीका लगवाया और दोनों बीमार पड़ गए। इसकी पड़ताल करने पर सामने आया कि दो लोग बीमार जरूर हुए थे, लेकिन इसके पीछे टीका वजह नहीं थी। दोनों ही अन्य बीमारियों से पीडि़त थे। जिले के करीब आठ गांव ऐसे हैं, जहां इस तरह की अफवाह फैली हुई है कि टीका लगवाने से लोग बीमार हो रहे हैं। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि टीका की वजह से कोई बीमार नहीं हो रहा है। सिर्फ बुखार किसी-किसी को आ जाता है। दवा लेने से भी ठीक हो जा रहा है।

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पीपरछेड़ी में पहला डोज लगाते ही दो हुए बीमार
पीपरछेड़ी के चेतन राम ने बताया कि उसने टीका लगवाया था। किसी ने नहीं पूछा कि शुगर की समस्या है क्या? टीका लगवाने के बाद रात में बुखार आया। रसमड़ा के सरकारी अस्पताल गए, वहां डॉक्टर हाथ लगाने को तैयार नहीं था। मजबूरी में निजी अस्पताल गए। शुगर चेक की तो वह लगातार बढ़ रही थी। डॉक्टर ने बताया कि शुगर लेवल बढ़ने की वजह से यह परेशानी हो रही है। गांव के किशन की भी तबीयत इसी वजह से वैक्सीन लगवाने के बाद बिगड़ी थी।

टीकाकरण प्रभावित हुआ। उनके घर के पड़ोस में रहने वाली महिला ने भी टीका नहीं लगवाया है। वह तर्क दे रही हैं कि चेतन और किशन टीका लगवाने की वजह से बीमार हुए हैं। मितानिन ने समझाया कि टीका से उनका शरीर कोरोना से लडऩे के लिए मजबूत हो जाएगा। वह मानने को तैयार नहीं हुई।

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टीकाकरण में युवा ही रह गए पीछे
खैरागढ़ से शादी होकर पीपरछेड़ी गांव में पहुंची बहू को मायके से फोन आ गया कि घर के करीब में रहने वाले कुछ लोगों ने टीका लगवाया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। यह सुनकर उस घर में रहने वाली दोनों बहू और बेटों ने भी टीका नहीं लगवाया। हालात यह है कि 18 प्लस के 450 में अब तक केवल 16 युवाओं ने ही टीका लगवाया है। जिस गांव में 60 साल से अधिक उम्र के 98 फीसदी लोग टीका लगा चुके, वहां युवा घर से टीका के नाम पर बाहर नहीं निकल रहे।

काउंसलिंग की जरूरत
दुर्ग जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने कहा, जिनको शुगर की शिकायत है उनको भी कोरोना का टीका लगवाना है। अगर कैंसर और हार्ट की तकलीफ है तब भी डॉक्टर से सलाह लेने के बाद वैक्सीन लगवानी है। जिले के 8 गांव में इस तरह की अफवाह है कि टीका लगवाने से तबीयत खराब हो रही है। ऐसे गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम जाकर काउंसलिंग करेगी।

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