script60 किमी. के दायरे में 3 टोल प्लाजा, दुर्ग जिला प्रशासन ने अपने ही शहर में आने जाने लोगों को टोल टैक्स देने पर किया मजबूर | People coming to Bhilai inside the city will have to pay toll tax | Patrika News

60 किमी. के दायरे में 3 टोल प्लाजा, दुर्ग जिला प्रशासन ने अपने ही शहर में आने जाने लोगों को टोल टैक्स देने पर किया मजबूर

locationभिलाईPublished: Feb 24, 2021 01:39:38 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

नेहरू नगर बायपास टोल प्लाजा स्थानीय लोगों के लिए परेशानी कारण बन गया है। परेशानी की वजह यह है कि उन्हें अपने ही शहर में आने जाने के लिए टोल टैक्स चुकाना पड़ेगा।

60 किमी. के दायरे में 3 टोल प्लाजा, दुर्ग जिला प्रशासन ने अपने ही शहर में आने जाने लोगों को टोल टैक्स देने पर किया मजबूर

60 किमी. के दायरे में 3 टोल प्लाजा, दुर्ग जिला प्रशासन ने अपने ही शहर में आने जाने लोगों को टोल टैक्स देने पर किया मजबूर

भिलाई. नेहरू नगर बायपास टोल प्लाजा स्थानीय लोगों के लिए परेशानी कारण बन गया है। परेशानी की वजह यह है कि उन्हें अपने ही शहर में आने जाने के लिए टोल टैक्स चुकाना पड़ेगा। टोल प्लाजा के दोनों तरफ बस्तियां और कालोनियां हैं। एक बस्ती या कालोनी से दूसरी कालोनी में कार से जाना हुआ तो आपको 60 रुपए आने का और 60 रुपए जाने का देना पड़ेगा। यानी शहर के अंदर ही आने जाने के लिए टोल टैक्स चुकाना पड़ेगा। शायद ऐसा और किसी शहर में नहीं होगा कि लोग एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले में जाने के लिए टैक्स चुकाते हों।
खुद नेशनल हाइवे नहीं कर रहा रूल्स का पालन
विडंबना यह देखिए कि प्रशासन के अधिकारी कहते हैं कि अच्छा रोड चाहिए तो टैक्स चुकाना पड़ेगा और रूल्स मानना पड़ेगा। अधिकारी आम जनता के लिए रूल्स मानने की बात करते हैं पर नेशनल हाइवे को रुल्स का पालन करने के लिए नहीं कहते। नेशनल हाइवे का रूल्स है कि एक टोल नाका से दूसरे टोल नाका की दूरी कम से कम 60 किलोमीटर होना चाहिए। मतलब एक टोल नाका से 60 किलोमीटर की दूरी पर ही दूसरा टोल नाका बनाया जा सकता है। नेशनल हाइव अपने ही रूल्स का पालन नहीं कर रहा है। कुम्हारी से राजनांदगांव के बीच 60 किलोमीटर में तीन टोल नाका बना दिया गया है।
प्रशासन ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरा
दुर्ग बाइपास टोल प्लाजा में स्थानीय लोगों से टैक्स वसूली नहीं किए जाने की उम्मीदों पर प्रशासन ने पानी फेर दिया। टोल वसूली करने वाली कंपनी शिवनाथ एक्सप्रेसवे की सारी बातें मान ली। शहर के अंदर ही आने जाने के लिए लोगों को आखिर क्यों टोल टैक्स देना पड़ेगा, इस बात को नजरअंदाज कर दिया गया। जिला प्रशासन ने टोल वसूल करने वाली कंपनी की बात मान ली। सीजी-07 पासिंग गाडिय़ों को कोई रियायत नहीं मिलेगी। कंपनी ने अपनी तरफ से 120 रुपए का मंथली पास लागू किया है। प्रशासन ने भी इस पर मुहर लगा दी है।
टोल प्लाजा के आसपास बसती है 50 हजार की आबादी
नेहरू नगर बायपाल टोल प्लाजा के आसपास करीब 50 हजार की आबादी निवास करती है। उन्हें शहर के अंदर ही एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए टोल प्लाजा पार करना पड़ता है। बघेरा, उरला, सिकोला बस्ती, शक्तिनगर,जहवाहर नगर, आदित्या नगर, कादंबरी नगर, हरि नगर आदि वार्ड के लोगों को एक दूसरे के वार्ड में जाने के लिए टोल प्लाजा पार करना पड़ता है। इसे पार नहीं करेंगे तो उन्हें घूमकर लंबी दूरी तयकर आना जाना पड़ेगा।
लोगों को डाला परेशानी में
धमधा नाका में जिला आयुर्वेदिक अस्पताल, सब्जी मंडी, रेलवे स्टेशन, इधर टोल प्लाजा के आगे शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, आगे नेहरू नगर चौक में चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल समेत कई अस्पताल हैं। जहां लोगों को आना जाना पड़ता है। बघेरा,उरला क्षेत्र के लोगों को यहां जाने के लिए आते जाते समय टोल टैक्स चुकाना पड़ेगा तभी उनकी कार आगे जा सकती है।
पहले भी की जाती थी मनमानी
टोल वसूलने वाली कंपनी की मनमानी पहले भी चलती थी। आखिर त्रस्त होकर लोगों ने आंदोलन किया तब लोकल पासिंग कार को फ्री किया गया था। जब फास्टैग की अनिवार्यता हुई है फिर पहले की तरह टोल वूसला जा रहा है। लोग इससे नाराज हैं। लोगों को एक ही सवाल है कि शहर के अंदर ही आने जाने के लिए टैक्स क्यों पटाएं। शहर से बाहर जाने पर कुम्हारी या राजनांदगांव टोल नाका में टैक्स पटाना समझ में आता है। शहर के अंदर ही आने जाने के लिए कैसा टोल टैक्स।
प्रशासन पर लोगों का गुस्सा
लोकल वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने से लोगों में आक्रोश है। उनका गुस्सा प्रशासन के प्रति भी है। उरला निवासी गजेेंद्र सिन्हा, राकेश धनकर,बघेरा निवासी शिवाकांत यादव, सुकलाल समेत कई लोगों ने कहा कि प्रशासन ने आम शहरियों की परेशानी पर ध्यान नहीं दिया। शहर के अंदर ही आने जाने के लिए टोल टैक्स चुकाना पड़े इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा। उन्होंने कहा कि इसके विरोध किया जाएगा। विद्यारतन भसीन, विधायक वैशाली नगर ने कहा कि दुर्ग भिलाई वासियों के लिए बड़ी बिडंबना है। उन्हें अपने शहर की सीमा में आने जाने के लिए टोल टैक्स देना पड़ रहा है। दुर्ग भिलाई राजस्व सीमा के लोगों को आना जाना लगा रहता है। बड़ी संख्या में कामकाजी और अन्य कारोबारी है। उनसे टैक्स लेना गलत है। जिले की पासिंग गाडिय़ों के लिए छूट देना चाहिए।
जानिए किसने क्या कहा
अरुण वोरा विधायक दुर्ग ने कहा कि लोगों से इस तरह अन्याय नहीं किया जा सकता। जल्द पूर्ववत छूट की स्थिति लागू नहीं किया गया तो जनांदोलन का सामना करना पड़ेगा। इस विषय पर पहले ही फैसला हो चुका है। कलेक्टर से लेकर तमाम आला अधिकारियों से बैठक व चर्चा के बाद लोकल गाडिय़ों को छूट का निर्णय लिया गया था। धीरज बाकलीवाल महापौर दुर्ग ने कहा कि ऐसे में ऐसी क्या स्थिति हो गई कि लोगों को छूट नहीं दिया जा रहा है। यह पूरी तरह गलत है। लोकल गाडिय़ों को आने जाने का छूट दिलावाने के लिए पहल की जाएगी। खेमलाल वर्मा, एडीएम दुर्ग ने कहा कि अच्छी सड़क पर चलने पर टोल टैक्स तो देना होगा। सड़क भी बढिय़ा चाहिए और टैक्स भी न चुकाना पड़े ऐसा तो नहीं हो सकता। एनएचएआई के सभी रुल्स का पालन करना होगा। पास की एक अच्छा विकल्प दिया गया है। उसे बनवा ले तो डबल पैसे नहीं चुकाने पड़ेगे।
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