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पीएमओ से अफसरों ने अफोर्डेबिलिटी क्लॉज के खिलाफ निकाली रैली

locationभिलाईPublished: Feb 05, 2019 12:10:51 am

रैली पीएमओ से निकाली, जंतर-मंतर में सभा के रूप में तब्दील हो गई। देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारी पे-रिविजन से अफोर्डेबिलिटी क्लॉज हटाने प्रयास किए,

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भिलाई. देश के सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठनों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्र सरकार के अधिकारियों के संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर नई दिल्ली में महारैली निकाली। यह रैली प्रधानमंत्री कार्यालय से निकाली गई और जंतर-मंतर में एक सभा के रूप में तब्दील हो गई। देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारी संगठनों ने तीसरे पे-रिविजन से अफोर्डेबिलिटी क्लॉज को हटाने के लिए प्रयास किए। सामूहिक रूप से इतनी बड़ी रैली दूसरी बार हुई है। इससे पूर्व 19 जून 2018 को भी रैली की गई थी। सेफी के पदाधिकारियों व सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया। बीएसपी कर्मचारी पहले ही आंदोलन कर अपना रुख इस क्लॉज को लेकर साफ कर चुके हैं।
महारैली करने वालों की यह है मांग
सीपीएसई में तीसरे वेतन निर्धारण के लिए अफोर्डेबिलिटी क्लॉज को हटाया जाए। सभी के लिए पेंशन तय की जाए। निजीकरण की दिशा में सभी कदमों को रोकने की मांग। इस रैली में सेफी के पदाधिकारी व सदस्य, नेशनल कंफीडरेशन ऑफ ऑफिसर्स एसोसिएशन के आह्वान पर इस रैली में हिस्सा लिए व सेल के विभिन्न यूनिटों से अधिकारी, संगठनों के पदाधिकारी भी इस रैली में शामिल थे।
इस मौके पर सेफी के चेयरमेन व ओए अध्यक्ष एनके बंछोर, महासचिव शाहिद अहमद, परविन्दर सिंह, सुनील क्षीरसागर, शोवन घोष, रेमी थॉमस, सेफी नामिनी अजय कुमार, माइंस से संतोष कुमार शामिल थे।
पीएम कार्यालय में भी किया पत्र व्यवहार
उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर इस्पात मंत्रालय, से निरंतर पत्र व्यवहार व बैठक किया। इसके अलावा 500 सांसदों को भी इस विषय में पत्र लिखकर उनका सहयोग व समर्थन लेने कोशिश की। केंद्र सरकार के करीब सभी मंत्रालय के मंत्रियों व सचिवों से इस विषय में चर्चा की।
पीएमओ ने किया था निर्देशित
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस्पात मंत्रालय को अफोर्डेबिलिटी क्लॉज को मॉडिफाई करने के लिए निर्देशित किया। इसके बाद सेफी व ओए-बीएसपी के पदाधिकारियों ने निरंतर मंत्रालय से इस विषय में चर्चा करते रहे। इसके बाद इस्पात मंत्रालय ने इस क्लॉज को संशोधित करने के लिए डीपीई को पहला पत्र 18 सितंबर 2018 को लिखा था।
इस्पात मंत्रालय ने लिखा पत्र
इस विषय पर केंद्रीय इस्पात मंत्री ने पे-रिविजन के लिए इस्पात पीएसयू में अफोर्डेबिलिटी क्लॉज हटाने के लिए पुन: डीपीई से पुर्ननिरीक्षण कराने को कहा, सभी तथ्यों के साथ इस्पात मंत्रालय ने दूसरा पत्र 28 दिसंबर 2018 को लिखा। जिसमें सेल व आरआईएनएल का विस्तृत ब्यौरा देकर अफोर्डेबिलिटी क्लॉज को रिलेक्स करने की मांग किया था।

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