महिलाएं हडिय़ा में कच्ची शराब बना रही थी। पुलिस की पूछताछ में बताया कि पीडीएस दुकान से चावल खरीदती थी। उसी चावल से शराब बनाती थी।
आरोपी धर्मी महतो ने बताया कि झारंखड में यह हमारा पारंपरिक धंधा है। वहां पर सभी कच्ची शराब बनाते हैं। इससे पीने से नशा कम होता है। मेहनतकश लोग इसे पीते हैं जिससे उनका पेट ठंडा रहता है। उसने बताया कि पति का निधन हो गया। बेटा को पुलिस बनाना चाहती हूं। उसी की तैयारी के लिए कच्ची शराब बनाती हूं। मोहल्ले के लोग ही इसे खरीदते हैं।
एक बड़े गंज में ५ किलो की मात्रा में चावल को सड़ाते हैं। झारखंड मनहरपुर से जड़ी-बूटी लाकर रामू गोली बनाते हैं। नशा तेज करने के लिए उसमें मिला देते हैं। फिर उसे पका देते थे। पकाने के बाद १० लीटर कच्ची शराब बन जाती थी। एक गिलास १० रुपए में बेच देते थे। अलग अलग महिलाएं अपने घर में कच्ची शराब बनाने का कारोबार कर रही थी।