मैं करीब 20 दिन पहले आकाशगंगा सुपेला आया था। यहां पारख ज्वेलर्स के बगल में मकान बनते देखा। बांस की चैली बंधी हुई थी। मेरे दिमाग में आया कि इसके सहारे तो मैं पारख ज्वेलर्स में आसानी से पहुंच सकता हंू। इसके बाद चोरी की योजना बनाई।
2. कपड़ा खरीदने के बहाने फिर आकर की रेकी
इसके बाद सप्ताहभर पहले कपड़ा खरीदने के बहाने सोमवार के दिन यहां फिर आया। पारख ज्वेलर्स की रेकी की। मैंने सब तरफ घूम-घूमकर देखा। ज्वेलर्स की छत पर एक दरवाजा बाहर से दिख रहा था।मैंने उसी समय तय कर लिया यह मेरे लिए काफी है। निर्माणधाीन मकान बिलकुल सटा हुआ है इससे मेरा काम और आसान हो गया।मंगलवार को मार्केट बंद रहेगा इससे आसानी से चोरी कर सकता हंू।
3. चैली के सहारे चढ़ा, पूरी रात छत पर बिताया
मैं सोमवार की रात करीब 11 बजे चोरी करने पहुंच गया। बांस की चैली के सहारे पहले निर्माणाधीन बिल्डिंग पर चढ़। वहां एक छोटी चैली रखी थी। उसे नई बिल्डिंग और पारख ज्वेलर्सकी छत के बीच रखकर आसानी से पहुंच गया। सबसे पहले छत पर लगे सीसीटीवी कैमरे को ऊपर की ओर मोड़ दिया।इसके बाद पूरी रात मैंने पारख ज्वेलर्स की छत पर बिताया।
4. दिन में तोड़ा लिफ्ट की दीवार और लॉकर को ऐसे
मंगलवार की सुबह छत पर बने कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर घुसा। इसके बाद लिफ्ट के चेंबर की ईंट की दीवाल को तोड़ा। फिर लिफ्ट की रॉड के सहारे ही नीचे उतरा। तब तक दोपहर के करीब पौने दो बज चुके थे।पहले सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर को बंद किया। इसके बाद ग्राइंडर मशीन से लॉकर का रॉड काटा और जेवर तक पहुंच गया।
5. बैग भर गया इसलिए बाकी जेवर छोड़ दिया
सबसे पहले गिरवी रखे जेवरात को समेटा। इसके बाद लॉकर की तरफ बढ़ा। वहां अपने बैग में जितना जेवर आ सकता था भरता गया। जब देखा के अब जगह नहीं है, तो बाकी जेवर को छोड़ दिया। इतना तो अनुमान हो गया था कि अब मैं बहुत लंबा हाथ मार लिया हंू। इतनी काफी है। इसके बाद शाम करीब 4 बजे लिफ्ट के उसी रास्ते से होकर फिर छत पर पहुंच गए। जैसे ही रात हुआ करीब 12 बजे चैली उतरकर भाग निकले।
पुलिस अफसरों ने बताया कि आरोपी बहुत ही शातिर था। उसने तीन दिन पहले ही अपना मोबाइल बंद कर दिया था। इसके कारण टॉवर डंप से मदद नहीं मिली।
शुक्रवार की तड़के आरेपी लोकेश को दुर्ग बस स्टैंड के रैन बसेरा के डोरमेट्री में आराम करता पकड़ा गया। हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर चोरी करना कबूल कर लिया।
आरोपी कवर्धाका रहने वाला है। उसका वहां गैलेक्सी नाम से पॉर्लर है। चोरी के पैसे से वह और ऑलीशान पॉर्लर खोलना चाहता था। इसके लिए रायपुर के मीनाक्षी पॉर्लर में 6 महीने का प्रशिक्षण भी लिया था।
आरोपी पूर्व में चोरी के 13 मामलो में गिरफ्तार हो चुका है। वह कवर्धा जिले का तड़ीपार भी है। अभी तीन महीने पहले नवंबर 2019 में ही जेल से छूट और चोरी की इस बड़ी वारदात को फिर अंजाम दिया।
0. मामले में 125 लोगों से पूछताछ की गई। इनमें ज्वेलर्स में अभी काम कर रहे और पूर्व कर्मी, निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम करने वाले मुर्शिदाबाद के मजदूर और मार्केट के सभी चौकीदार शामिल थे।
0. टॉवर डंप के जरिए 12 हजार मोबाइल नंबरों का एनालिसिस किए।
0. मार्केट के अलावा आसपास एवं अन्य प्रमुख स्थानों के सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाला।
0. पुराने वारदातों की हिस्ट्री खंगाली। वारदातों को अंजाम देने के तरीके का अध्ययन किया। इसके बाद दर्जनभर संदेही चिन्हित किए।
0. लोकेश पूर्व में एवीएन बजाज शो रूम में 9 लाख की चोरी में पकड़ा गया था। उसी के जैसा यहां भी लॉकर काटने के लिए ग्राइंडर मशीन का उपयोग किया था, उस पर शक गहराया और पकड़ा गया।