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जुआ बंद कराने गए पुलिस जवानों ने गुल को तोड़ा तो निकली मैग्नेट मशीन, कार्रवाई करने की बजाय लौट आए मामला रफा दफा करके

locationभिलाईPublished: Nov 08, 2021 05:35:14 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

मशीन को छुड़ाने के लिए गुल संचालक ने प्रधान आरक्षक व सिपाहियों से आपसी समझौता किया। इसके बाद प्रधान आरक्षक ने मशीन को जब्त करने के बजाय उसी को सौंप दिया।

जुआ बंद कराने गए पुलिस जवानों ने गुल को तोड़ा तो निकली मैग्नेट मशीन, कार्रवाई करने की बजाय लौट आए मामला रफा दफा करके

जुआ बंद कराने गए पुलिस जवानों ने गुल को तोड़ा तो निकली मैग्नेट मशीन, कार्रवाई करने की बजाय लौट आए मामला रफा दफा करके

भिलाई. छावनी बैकुंठधाम में गुल से जुआ खिलाए जाने का मामला सामने आया है। इसकी जानकारी छावनी थाना के सिपाहियों को होने के बाद भी टीआई को सूचना नहीं दी। बात बाहर तब आई जब खेल के दौरान विवाद हो गया। इसकी भनक लगते ही सिपाही मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया, लेकिन कार्रवाई नहीं की। फिर गुल संचालक से बातचीत में उनकी बात नहीं बनी तो दूसरे दिन मौके पर गए गुल खेलने वालों को दौड़ाकर भगाया। इसके बाद गुल का ढांचा और फर्श को तोड़ दिया। फर्श तोडऩे पर उसमें से एक मैग्नेटिक मशीन निकली। सूत्रों के अनुसार उस मशीन को छुड़ाने के लिए गुल संचालक ने प्रधान आरक्षक व सिपाहियों से आपसी समझौता किया। इसके बाद प्रधान आरक्षक ने मशीन को जब्त करने के बजाय उसी को सौंप दिया।
जानकारी के मुताबिक वैकुंठधाम हॉस्पिटल बिल्डिंग के पीछे खुले आसमान में गुल खिलाकर लाखों रुपए के दांव लगाए जा रहे थे। गुल का यह खेल बैकुंठधाम के नंदलाल, जीतू और प्रमोद नाम के युवक कर रहे थे। बताया जाता है कि इन लोगों ने गुल चलाने के लिए प्रधान आरक्षक और अन्य दो सिपाही से बात कर ली थी। तीन चार दिन तक गुल चलने के बाद क्षेत्र से बड़े बड़े जुआरी यहां आने लगे तो पुलिस कर्मियों ने नंदलाल से अपनी डिमांड रखी। जब नंदलाल और बाकी लोगों ने उसकी बात नहीं मानी तो उसने छावनी थाने के प्रधान आरक्षक जसपाल सिंह को बताया। फिर प्रधान आरक्षक ने 1 नवंबर को मौके पर पहुंचकर गुल के ढांचे को तोड़ दिया, लेकिन इस मामले की जानकारी छावनी टीआई को नहीं दी।
हो सकती थी बड़ी अनहोनी
जुआ खेलाने वाले खेल में गुल के नीचे मैगनेट मशीन निकलने की बात सभी जगह फैल गई। जब हारे हुए जुआरियों को यह पता चला तो वे लोग डंडा राड लेकर गुल संचालक के पास पहुंच गए। गुल संचालक घर से भाग गया था। काफी देर तक गाली-गलौज के बाद वे लौट गए।
यह है मैग्नेट पेटी, इस तरह से करती है काम
हाथी दांत के तीन पासे होते हैं। उन पासों में मैग्नेट लगे होते है। गुल संचालक ढांचा बनाते समय मैग्नेटिक मशीन को जमीन के अंदर गाड़ा रहता है। इसकी जानकारी किसी को नहीं होती है। गुल संचालक एक नंबर अपने व्यक्ति को देता है। इसके बाद खेल शुरु होने पर गुल खेलने वाले 1 से लेकर अन्य नम्बर पर दांव लगाते हैं। गुल संचालक के पास दो बटन वाली रिमोट होता है। जैसे ही वह बटन को दबाता है, हाथी दांत का पासा उसी नम्बर पर जाकर रुक जाता है। इस तरह दांव लागानें वालों से लाखों रुपए गुल संचालक जीत जाता है।
जुए पर रेड मारते रहते है, हर मामले की जानकारी नहीं देते
प्रधान आरक्षक जसपाल का कहना है कि वह गुल तोडऩे गया था। उसने गुल तोड़ा भी। वहां से सभी जुआरी भाग गए, तो गुल तोड़कर लौट आया। मशीन क्या निकली उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। जुआ के अड्डे पर रेड मारते रहते है। आरोपी पकड़ाए नहीं इस लिए टीआई को इसकी जानकारी नहीं दी गई। कौशलेन्द्र देव पटेल, सीएसपी छावनी ने बताया कि गुल ढांचा व जमीन के नीचे से मैगनेट मशीन निकलने की मौखिक शिकायत मिली है। पहले मामले की जांच की जा रही है। सही तथ्य पाए जाने पर संबधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संजय ध्रुव, एएसपी शहर ने बताया कि सिपाहियों ने रोजनामचा में कार्रवाई की जानकारी डाल दिया था। कार्रवाई करने पहुंचे तो आरोपी भाग गए, मौके पर नहीं पकड़ाए। गुल ढ़ाचा को तोड़कर मैगनेट मशीन को डिसमेंटल कर दिया। मामले में टावर डंप लेकर आरोपियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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