आनन-फानन में फिर पहुुंचे डायरी लेकर खास बात यह है कि अधिवक्ता तारेन्द्र जैन बुधवार को संदीप की ओर से पक्ष रखने आवेदन लेकर सीजेएम न्यायालय पहुंचे थे। न्यायालय से उन्हें जानकारी मिली कि पुलिस केश डायरी वापस ले गई है। पुलिस का आवेदन भी उसी में संलग्न है। आवेदन और केस डायरी न्यायालय में नहीं होने के कारण न्यायालय बिना आधार उनका आवेदन नहीं ले सकती। इस खबर को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद पुलिस ने गुरुवार आनन फानन में केस डायरी दोबारा पेश की। पुलिस के के स डायरी प्रस्तुत करने के बाद आरोपी के अधिवक्ता ने पक्ष रखने आवेदन प्रस्तुत किया। जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने पक्ष रखने शुक्रवार का दिन निर्धारित किया।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आवेदन में यह लिखा
ब्रेन मेपिंग और नार्को टेस्ट की अनुमति दिए जाने के पूर्व अभियुक्त को सुना जाना और उसकी अनुमति और सहमति लेना न्यायहित में होगा। ताकि अभियुक्त की निजता के अधिकारों का हनन न हो। अभियुक्त के बिना सहमति और अनुमति के नार्को टेस्ट कराए जाने का आदेश असंवैधानिक होगा। इस कथन के साथ अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुलिंग भी प्रस्तुत किया है। उसका यह आवेदन सदभावनापूर्वक है, इसलिए आवदेन स्वीकार करने योग्य है। इस आधार पर सुनवाईका समुचित अवसर प्रदान किया जाए।
ब्रेन मेपिंग और नार्को टेस्ट की अनुमति दिए जाने के पूर्व अभियुक्त को सुना जाना और उसकी अनुमति और सहमति लेना न्यायहित में होगा। ताकि अभियुक्त की निजता के अधिकारों का हनन न हो। अभियुक्त के बिना सहमति और अनुमति के नार्को टेस्ट कराए जाने का आदेश असंवैधानिक होगा। इस कथन के साथ अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुलिंग भी प्रस्तुत किया है। उसका यह आवेदन सदभावनापूर्वक है, इसलिए आवदेन स्वीकार करने योग्य है। इस आधार पर सुनवाईका समुचित अवसर प्रदान किया जाए।