करोड़ों रुपए के अवैध फर्नेस ऑयल के कारोबार का भंडाफोड़
आईजी जीपी सिंह के निर्देश पर छावनी पुलिस और एसआईयू की टीम ने सात मई को कैंप-वन प्रगति नगर स्थित मां मथुरासनी केमिकल्स गोदाम में दबिश दी थी। जहां करोड़ों रुपए के अवैध फ र्नेस ऑयल के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ। आरोपी सुजीत अपने निवास के पास गोडाउन में बड़े-बड़े ड्रम और मिलावट करने के लिए जमीन के अंदर टैंक बनाया था। मशीनों से डीजल, ज्वलनशील पदार्थ और पानी मिलाकर उसका मिश्रण करता था। इसके बाद उसे ठेकेदारों से संपर्क कर सप्लाई करता था। मौके पर प्योर ऑयल के साथ काला ऑयल मिलाया जाता था। इसके पहले पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
आईजी जीपी सिंह के निर्देश पर छावनी पुलिस और एसआईयू की टीम ने सात मई को कैंप-वन प्रगति नगर स्थित मां मथुरासनी केमिकल्स गोदाम में दबिश दी थी। जहां करोड़ों रुपए के अवैध फ र्नेस ऑयल के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ। आरोपी सुजीत अपने निवास के पास गोडाउन में बड़े-बड़े ड्रम और मिलावट करने के लिए जमीन के अंदर टैंक बनाया था। मशीनों से डीजल, ज्वलनशील पदार्थ और पानी मिलाकर उसका मिश्रण करता था। इसके बाद उसे ठेकेदारों से संपर्क कर सप्लाई करता था। मौके पर प्योर ऑयल के साथ काला ऑयल मिलाया जाता था। इसके पहले पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
ऐसे मिलाता था ज्वलनशील पदार्थ
सुजीत ने बताया कि यार्ड में जमीन के नीचे बड़ा बंकर बना कर रखा है। फर्नेस ऑयल में पंप से डीजल और पानी की मिलावट करता था। एक टैंकर में तीन खंड होते है। १२ हजार लीटर ऑयल आता है। फिर उस नकली ऑयल को टैंकर में भर कर सप्लाई करता था।
सुजीत ने बताया कि यार्ड में जमीन के नीचे बड़ा बंकर बना कर रखा है। फर्नेस ऑयल में पंप से डीजल और पानी की मिलावट करता था। एक टैंकर में तीन खंड होते है। १२ हजार लीटर ऑयल आता है। फिर उस नकली ऑयल को टैंकर में भर कर सप्लाई करता था।
ऐसे सप्लाई करता था ऑयल
सुजीत फर्नेस ऑयल का फर्जी दस्तावेज बनाता था। उसके टैंकर में बिना ऑयल कंपनी के परमिशन के उनका मोनो का इस्तेमाल करता था। किसी भी ऑयल कंपनी का दस्तावेज नहीं होता था। इसकी गाडिय़ों में इंडियन ऑयल और एचपी कंपनी का मोनो लगी गाडिय़ों से सप्लाई करता था, जिससे लोग किसी प्रकार से शक नहीं करते थे। उसे ठेकेदारों से मिलीभगत कर सप्लाई कर देता था।
सुजीत फर्नेस ऑयल का फर्जी दस्तावेज बनाता था। उसके टैंकर में बिना ऑयल कंपनी के परमिशन के उनका मोनो का इस्तेमाल करता था। किसी भी ऑयल कंपनी का दस्तावेज नहीं होता था। इसकी गाडिय़ों में इंडियन ऑयल और एचपी कंपनी का मोनो लगी गाडिय़ों से सप्लाई करता था, जिससे लोग किसी प्रकार से शक नहीं करते थे। उसे ठेकेदारों से मिलीभगत कर सप्लाई कर देता था।
इंडियन ऑयल कंपनी की जांच रिपोर्ट नहीं मिली इंडियन ऑयल कंपनी भोपाल से जांच टीम आई थी। यार्ड में ऑयल का सैंपल लेकर गई, लेकिन जांच रिपोर्ट अभी तक पुलिस को नहीं मिली है। पुलिस ने मां मथुरासनी केमिकल्स यार्ड को सील कर दिया, जिसमें इंडियन ऑयल कंपनी के टैंकर मिले हैं।