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Breaking news गर्भवती ने किया कोरोना सैंपलिंग का काम, संक्रमित हुई तो सहनी पड़ी मिसकैरेज की पीड़ा

locationभिलाईPublished: May 10, 2021 11:30:48 pm

Submitted by:

Abdul Salam

ड्यूटी पर लौटकर संक्रमितों को बांट रही दवा.
 

Breaking news गर्भवती ने किया कोरोना सैंपलिंग का काम, संक्रमित हुई तो सहनी पड़ी मिसकैरेज की पीड़ा

Breaking news गर्भवती ने किया कोरोना सैंपलिंग का काम, संक्रमित हुई तो सहनी पड़ी मिसकैरेज की पीड़ा

भिलाई. स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट के तौर पर कार्यरत अनामिका जांगड़े गर्भवती रहते हुए भिलाई में कोरोना सैंपलिंग का काम कर रही थी। लगातार काम करने की वजह से वह खुद भी संक्रमित हो गई। होम आइसोलेशन में रहते हुए कोरोना की दवा का सेवन किया। तब उन्हें मिसकैरेज का दर्द सहना पड़ा। जिसने उन्हें शारीरिक और भावनात्मक रूप से झकझोर कर रख दिया। इस दुख से निकलना खासा मुश्किल था। बावजूद इसके वह इस पीड़ा को नजर अंदाज करते हुए पुन: काम पर लौटी और कोरोना संक्रमितों को दवा बांटने के काम में जुट गई। कोरोना महामारी में सेवाभाव की यह एक अलग तरह की मिसाल है।

प्रवासियों की भी लिए सैंपलिंग
लाल बहादुर शास्त्री शासकीय अस्पताल, सुपेला में पदस्थ अनामिका की ड्यूटी कोरोना महामारी को देखते हुए अगस्त 2020 से सेंपलिंग के काम में लगा दी गई थी। जिसमें दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों की कोरोना जांच भी की जा रही थी। हर दिन बड़ी संख्या में लोगों की जांच की जा रही थी। यह ऐसा वक्त था जब कोरोना के केस में इजाफा हो रहा था। अलग-अलग राज्य से लोग लौट रहे थे। जिनके घर में ठहरते वे खुद भी संक्रमित हो रहे थे।

खुद हो गई संक्रमित
सेंपलिंग का काम करते-करते वह सितंबर में खुद भी संक्रमित हो गई। चिकित्सकों की राय पर होम आइसोलेशन में रहकर उपचार करने का फैसला किया। गर्भवती थी इस वजह से परिवार के लोग परेशान हुए। संक्रमित होने की वजह से कमजोरी बढ़ती गई। जिससे वह जूझ रही थी।

मिसकैरेज की पीड़ा
कोरोना की दवा चल ही रही थी, इस दौरान उन्हें मिसकैरेज की पीड़ा झेलनी पड़ी। यह उनकी दूसरी बेबी होती, जिसके लिए परिवार के सदस्यों ने ढेर सारे सपने संजोए थे। यह सपना टूटा तो उस दुख ने उन्हें मानसिक तौर पर झकझोर दिया। घर में अधिक समय तक रहकर वह और कमजोर नहीं होना चाहती थी। इस वजह से फैसला किया कि जल्द काम पर लौटा जाए।

कोरोना संक्रमितों को दवा वितरण के काम में जुटी
नवंबर 2020 से वह काम पर लौट गई। वापस आने पर उन्हें कोरोना संक्रमितों को दवा वितरण करने का काम दिया गया। अब वह इस काम को लगन के साथ पूरा कर रही हैं। कोरोना महामारी ने उनकी एक बड़ी खुशी को छीन लिया, लेकिन इसका उन्हें मलाल नहीं है। वह संक्रमितों की सेवा में जुड़े रहना चाहती है।

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