प्रभारी प्राचार्य भुनेश्वर नायक ने अत्मघाती कदम उठाने से पहले एक कागज में सुसाइडल नोट लिखा। जिसमें शिक्षा विभाग के तीन लोगों के सरनेम लिखा है। उपाध्याय, पटेल और कन्नौजे के कारण आत्मघाती कदम उठा रहा हूं। इसके बाद अपना हस्ताक्षर किया है।
कॉलेज के स्टॉफ ने पुलिस को बताया कि प्राचार्य बहुत ही ईमानदार थे। पढ़ाई को लेकर स्ट्रीक्ट थे। टीचरों को समय पर आने की नसीहत हमेशा दिया करते थे, लेकिन टीचर उनका सपोर्ट नहीं करते थे। टीचरों की वजह से पूर्व प्राचार्य ने ट्रांसफर करा लिए थे।
बताया जाता है कि सुबह करीब 7.30 बजे प्राचार्य कालेज आ गए थे। चपरासी दाताराम को नई बिल्डिंग की चाबी दी। इसके बाद नाश्ता करने के लिए घर चले गए। घर से सुबह 8.30 बजे फिर निकले और कॉलेज पहुंचे। चौकीदार करन को कॉल किया और पुरानी बिल्ंिडग में आने के लिए कहा।
चर्चा यह है कि एक सप्ताह पहले कुलपति के निरीक्षण के बाद से भुनेश्वर नायक परेशान रहते थे। हेमचंद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने अव्यवस्थाओं से नाराज होकर प्राचार्य के विश्वविद्यालय तलब किया था। निरीक्षण के समय नौ स्टाफ गैरहाजिर मिले थे। कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने एक सप्ताह पहले तीन सरकारी कॉलेजों का औचक निरीक्षण किया। इनमें शासकीय नागरिक कल्याण महाविद्यालय नंदिनी अहिवारा, जामुल और इंदिरा गांधी पीजी महाविद्यालय वैशाली नगर शामिल थे।
पुलिस ने बताया कि एफएसएल के एक्सपर्ट मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने घटना स्थल की जांच की। पंखे के नीचे बाइक मुख्य स्टैंड पर खड़ी थी। सीट पर पैर के निशान मिले हैं। प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हो रहा है कि बाइक को पंखे के हुक के नीचे खड़ी किया। सीट पर खड़े होकर हुक में नायलोन की रस्सी को बांधा झूल गए। एएसपी ग्रामीण अनंत साहू ने बताया कि घटना स्थल पर सुसाइडल नोट मिला है। इसमें तीन व्यक्तियों के सरनेम लिखा है। फिलहाल मामले में जांच की जा रही है। तीनों लोगों से पूछताछ की गई है।