स्कूल के पीटीए प्रेसीडेंट की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने पिछले महीने ही जांच के आदेश दिए थे। पहले वैशालीनगर कन्या शाला की प्राचार्य को इसका जांच अधिकारी बनाया गया था। लेकिन व्यस्तता के कारण यह जिम्मेदारी पथरिया शासकीय उमा शाला के प्राचार्य राजेन्द्र हरमुख को यह जिम्मेदारी दी गई है। पर उन्होंने अभी तक अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है।
पीटीए प्रेसीडेंट ने बताया कि पिछले वर्ष स्कूल फायदे में था उसके बावजूद भी 15 प्रतिशत फीस बढ़ा दी। जबकि फीस बढ़ाने के लिए पालक शिक्षक समिति से सहमति नहीं ली गई। ुउन्होंने कहा कि पीटीए की सहमति के बिना जिला शिक्षा अधिकारी भी फीस को अधिसूचित नहीं कर सकते।
स्कूल के खिलाफ शिकायत होने और मान्यता खत्म करने की जांच के बाद प्रबंधन अब बैकफुट पर आ गया है। पीटीए प्रेसीडेंट और मेंबर्स के साथ वह फिर एक बैठक करना चाह रहा है जिससे फीस का मुद्दा सुलझ सकें।