भिलाई

यहां राशन के बहाने गरीबों के हक पर डंडी, चावल 2 माह का, लेकिन शक्कर थमा रहे 1 महीने का

निगम के सफाई ठेका कर्मी ने पत्रिका के सामने खाद्यान्न नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई।

भिलाईMay 27, 2019 / 01:39 pm

Dakshi Sahu

यहां राशन के बहाने गरीबों के हक पर डंडी, चावल 2 माह का, लेकिन शक्कर थमा रहे 1 महीने का

दुर्ग. दो माह के राशन की आड़ में गरीबों के राशन में डंडी मारी जा रही है। नियमानुसार हितग्राहियों को चावल दो माह का और शक्कर व अन्य खाद्यान्न एक महीने का दिया जाना है। शक्कर व अन्य खाद्यान्न को अगले माह नहीं दिया जा रहा है। इसके पीछे कोटा नहीं मिलने का हवाला देकर हितग्राहियों को दुकान से लौटाया जा रहा है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को सस्ते दर पर हर माह राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण का प्रावधान है, लेकिन पिछले कुछ माह से गोदामों को जगह खाली नहीं होने की वजह से दो-दो माह का चावल एक साथ वितरित किया जा रहा है। पिछली बार अप्रैल व मई का खाद्यान्न एक साथ दिया गया था। अब जून व जुलाई का खाद्यान्न एक साथ वितरित करने की तैयारी की जा रही है।
निगम के सफाई कर्मी ने की शिकायत
निगम के सफाई ठेका कर्मी ने पत्रिका के सामने खाद्यान्न नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराई। नाम नहीं छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि बघेरा की राशन दुकान में उनका कार्ड है। यहां दुकानदार हर बार केवल एक महीने का शक्कर देकर अधिकतर हितग्राहियों को टरका देता है। पूछने पर कोटा नहीं आने व एक बार ही देने का नियम होने की बात कहकर टाल देता है। सफाई कर्मी की माने तो निगम क्षेत्र की अधिकतर दुकानों में यहीं शिकायत है।
शासन के नियम का उठा रहे फायदा
दुकानदार शासन के नियमों का फायदा उठाकर हितग्राहियों का राशन डकार रहे हैं। दरअसल दो माह के चावल के साथ ही वितरण वाले महीने का शक्कर व दूसरे खाद्यान्न खरीदने का प्रावधान है। ऐसा नहीं किए जाने पर खाद्यान्न लेप्स मान लिया जाता है। वहीं चावल का उठाव नहीं होने से दूसरे माह अधिकतर संचालक दुकान ही नहीं खोलते। इससे समय पर हितग्राही राशन नहीं ले पाते।
सहायक खाद्य अधिकारी दुर्ग, एसी मिश्रा ने कहा कि निर्देश के मुताबिक केवल चावल एक साथ दो माह का दिया जाना है। शेष खाद्यान्न व सामग्री हर महीने के हिसाब से वितरण करना है। दूसरे माह शक्कर नहीं देना गंभीर गड़बड़ी है। इसकी शिकायत मिली तो जांच कर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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