बाद में प्रदेश संयोजक रतन यादव के नेतृत्व में दो दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ता और कलक्टोरेट पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ताओं का कहना था कि १० अक्टूबर को प्रकाश पाल, उसकी गर्भवती पत्नी और ८ साल के मासूम बच्चे की हत्या कर दी गई। इस घटना से पश्चिम बंगाल में रहने वाले हिन्दुओं की स्वतंत्रता पर प्रश्न चिन्हि लग गया है। वहा की सरकार भी निरकुंश हो चुकी है। शरणार्थियों को पनाह देकर देश के नागरिकों का हत्या करा रही है। बजरंग दल ने ज्ञापन सौंपते राष्ट्पति से मांग की है कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। वहीं हत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंपा जाए।