भिलाई

पीपी यार्ड में काम करने वाली महिलाओं के तकनीकी ज्ञान का कायल है रेलवे, कैसे यहां पढ़ें

रायपुर रेल मंडल में करीब 10,800 कर्मचारी हैं, जिसमें करीब 762 महिला कर्मचारी व 78 अधिकारी हैं। इसमें 6 महिला अधिकारी कार्यरत हैं।

भिलाईJan 04, 2018 / 04:12 pm

Dakshi Sahu

भिलाई. रायपुर रेल मंडल में करीब 10,800 कर्मचारी हैं, जिसमें करीब 762 महिला कर्मचारी व 78 अधिकारी हैं। इसमें 6 महिला अधिकारी कार्यरत हैं। जिनकी मेहनत के कारण रायपुर मंडल प्रतिदिन प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है। पीपी यार्ड में एन बाक्स आरओएच डिपो है।
मालगाड़ी के वैगनों का रुटिन ओवर हालिंग (आरओएच) किया जाता है। वैगनों के नियमित ऑवर हालिंग में गाड़ीयों के सभी पार्टस का आरडीएसओ के अनुरुप मापदंड अनुसार अनुरक्षण किया जाता है। पीपी यार्ड भिलाई भारतीय रेल का सबसे लम्बा (310 मीटर) आरओएच शेड हैं।
इसके साथ-साथ यह डिपो भारतीय रेल का उच्चतम आरओएच (6 30 प्रति माह) देने वाला डिपो हैं। इस डिपो में 733 कर्मचारी कार्यरत हैं और उनमें से 30 महिलाएं हैं। अधिकतर महिलाएं तकनीकी कार्यक्षेत्र में कार्यरत हैं।
यहां महिला कर्मियों के काम के सब हैं कायल
यहां एक सैक्शन ऐसा है जहां पूर्णतया महिला कर्मचारी ही सभी तकनीकी कार्य करती हैं। इस सैक्शन में वैगन में लगनें वाली बोगी की कॉइल स्प्रींग की जांच का कार्य किया जाता है।
छेदीन बाई सीनियर तकनीशियन बोगी कॉइल स्प्रींग की साफ-सफाई, परीक्षण व मापन का कार्य करती हैं। इनके साथ में उमा, एम लक्ष्मी, ज्योति व चेतना चंद्राकर भी सहयोग करती हैं। छेदीन बाई का कैरिज एण्ड वैगन के कार्यक्षेत्र में 37 वर्षों का अनुभव हैं। ज्योति नाग, स्प्रींग सेक्शन में कार्य करती हैं। ईओटी क्रेन चलाती हैं।
यहां बोगी सेक्शन व व्हील सेक्शन में क्रेन के आवश्यकतानुसार क्रेन का आवागमन करती हैं। जी लक्ष्मी, तकनीशियन जो पेनयूमेटिक प्रेस मशीन में विभिन्न प्रकार के पीडी, बल्ब कटर विभिन्न साइज में बनाती हैं।
के धनलक्ष्मी, पदनाम एसपीए, आई कम्प्रेशर चलाती हैं साथ ही साथ कम्प्रेशर का रख-रखाव जैसे ओवर लोड,़ ऑइल लेवल व मशीन की सफाई खुद ही करती हैं। इसी प्रकार यहां की महीलाऐं अन्य तकनीकी क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं।
टेरेसा हेम्ब्राम सीनियर अनु. अभियंता जो कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हैं। चक्कों के एक्सल का अल्ट्रासोनिक परीक्षण करती हैं। वह प्रतिदिन 8 घंटे में 20 चक्कों का अल्ट्रासोनिक परीक्षण करती हैं और आंतरिक त्रुटियों की छानबीन करती हैं। पी सुशीला राव तकनीशियन है वे सीएनसी व्हील लेथ पर चक्कों की टर्निंग करती हैं और सही प्रोफाइल बना कर आरओएच के लिए देती हैं। इसके साथ-साथ चक्कों का हिसाब-किताब भी रखती हैं।
टी श्रीनिवासलु, तकनीशियन व साधना मिलकर एसएबी का ओवर हॉलिंग करती हैं। इस ओवर हॉलिंग के दौरान 95 पूर्जों का बदलाव करती हैं। इनके द्वारा ओवर हॉलिंग किए हुए एसएबी में 18 माह की गारंटी रहती हैं। श्रीनिवासलु का कैरिज एण्ड वैगन के कार्यक्षेत्र में 27 वर्षों का अनुभव हैं।
ललिता उईके, सीनियर तकनीशियन डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व के ओवर हॉलिंग में कार्यरत हैं। इसके 70 छोटे- छोटे पूर्जों का बदलाव करती हैं। इनको कैरिज एण्ड वैगन के कार्यक्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव हैं।
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