ड्राफ्ट में संशोधन सुझाया जा सकेगा
फाइलें डिजिटल सेके्रटेरियेट के पोर्टल से आनलाइन जिला पंचायत सीईओ के पास आएंगी। सीईओ इनमें अपना मत व्यक्तकरेंगे। इसके बाद वे इसे कलक्टर को ट्रांसफर कर देंगे। नोटशीट कलक्टर से मिले अप्रूवल के बाद बंद कर दी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में हर स्तर पर पारदर्शिता बनी रहेगी क्योंकि किसी भी स्तर पर अपने मंताकन के बाद और फाइल ट्रांसफर करने के बाद इसमें किसी तरह से परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। यद्यपि इसमें यह विकल्प होगा कि अपना मत प्रस्तुत करने के पूर्व इसे ड्राफ्ट के रूप में प्रेषित किया जा सकता है उसी तरह से जैसे ब्लाग या फेसबुक के नोट्स में प्रिव्यू का आप्शन होता है। यदि अधिकारी ड्राफ्ट में कुछ संशोधन चाहें तो इसे सुझा सकता है ताकि नीचे से फाइल परिवर्तन के पश्चात पुन: स्वीकृत होने के लिए भेजी जा सके।
फाइलें डिजिटल सेके्रटेरियेट के पोर्टल से आनलाइन जिला पंचायत सीईओ के पास आएंगी। सीईओ इनमें अपना मत व्यक्तकरेंगे। इसके बाद वे इसे कलक्टर को ट्रांसफर कर देंगे। नोटशीट कलक्टर से मिले अप्रूवल के बाद बंद कर दी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में हर स्तर पर पारदर्शिता बनी रहेगी क्योंकि किसी भी स्तर पर अपने मंताकन के बाद और फाइल ट्रांसफर करने के बाद इसमें किसी तरह से परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। यद्यपि इसमें यह विकल्प होगा कि अपना मत प्रस्तुत करने के पूर्व इसे ड्राफ्ट के रूप में प्रेषित किया जा सकता है उसी तरह से जैसे ब्लाग या फेसबुक के नोट्स में प्रिव्यू का आप्शन होता है। यदि अधिकारी ड्राफ्ट में कुछ संशोधन चाहें तो इसे सुझा सकता है ताकि नीचे से फाइल परिवर्तन के पश्चात पुन: स्वीकृत होने के लिए भेजी जा सके।
कलेक्ट्रेट में लायसेंस शाखा से होगी शुरूआत
कलक्टर भीम सिंह को भी डिजिटल सेक्रेटेरियट के एप्लिकेशन से चिप्स के अधिकारियों ने अवगत कराया। कलेक्टर ने कहा कि इसकी शुरूआत लायसेंस शाखा से होगी। इसके फीडबैक के आधार पर इसे अन्य शाखाओं में भी आरंभ किया जाएगा। इसके लिए चिप्स के अधिकारी 15 दिनों का प्रशिक्षण कलेक्ट्रेट शाखा के अधिकारियों को प्रदान करेंगे।
कलक्टर भीम सिंह को भी डिजिटल सेक्रेटेरियट के एप्लिकेशन से चिप्स के अधिकारियों ने अवगत कराया। कलेक्टर ने कहा कि इसकी शुरूआत लायसेंस शाखा से होगी। इसके फीडबैक के आधार पर इसे अन्य शाखाओं में भी आरंभ किया जाएगा। इसके लिए चिप्स के अधिकारी 15 दिनों का प्रशिक्षण कलेक्ट्रेट शाखा के अधिकारियों को प्रदान करेंगे।
एप्लीकेशन के क्या हैं लाभ, अफसरों ने जाना
इस एप्लिकेशन के माध्यम से फाइलों के मूवमेंट पर नजर रखी जा सकेगी। एप्लिकेशन के माध्यम से उन फाइलों का चिन्हांकन आसान हो जाएगा जिनके निराकरण में समय लग रहा है। उच्चाधिकारी जैसे ही डैशबोर्ड पर क्लिक करेंगे, उन्हें फाइलों के निराकरण की स्थिति की रियल टाइम इनफार्मेशन मिल जाएगी। एप्लिकेशन यह भी दिखाएगा कि संबंधित अधिकारी ने फाइल को देखा है या नहीं, अगर देखा है तो किस समय इस फाइल को देखा है। कलेक्ट्रेट की पुरानी फाइलों को भी स्कैन कर इसमें अपलोड किया जा सकेगा। इस एप्लिकेशन के माध्यम से फाइलों के खो जाने या नष्ट हो जाने जैसी आशंकाएं भी समाप्त हो जाएंगी। जिला पंचायत सीईओ चंदन कुमार ने जिला पंचायत में आने वाली डाक के लिए चिप्स के इस एप्लिकेशन को कार्यान्वित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही ऐसी योजनाएं जिनका क्रियान्वयन नियत समय-सीमा में किया जाना है तथा जिन पर लगातार मानीटरिंग जरूरी है उनके नोटशीट भी इस एप्लिकेशन के माध्यम से लिए जाएंगे। इस संबंध में जिला पंचायत में बैठक लेकर एप्लिकेशन के संबंध में अधिकारियों-कर्मचारियों को अवगत भी कराया गया।
इस एप्लिकेशन के माध्यम से फाइलों के मूवमेंट पर नजर रखी जा सकेगी। एप्लिकेशन के माध्यम से उन फाइलों का चिन्हांकन आसान हो जाएगा जिनके निराकरण में समय लग रहा है। उच्चाधिकारी जैसे ही डैशबोर्ड पर क्लिक करेंगे, उन्हें फाइलों के निराकरण की स्थिति की रियल टाइम इनफार्मेशन मिल जाएगी। एप्लिकेशन यह भी दिखाएगा कि संबंधित अधिकारी ने फाइल को देखा है या नहीं, अगर देखा है तो किस समय इस फाइल को देखा है। कलेक्ट्रेट की पुरानी फाइलों को भी स्कैन कर इसमें अपलोड किया जा सकेगा। इस एप्लिकेशन के माध्यम से फाइलों के खो जाने या नष्ट हो जाने जैसी आशंकाएं भी समाप्त हो जाएंगी। जिला पंचायत सीईओ चंदन कुमार ने जिला पंचायत में आने वाली डाक के लिए चिप्स के इस एप्लिकेशन को कार्यान्वित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही ऐसी योजनाएं जिनका क्रियान्वयन नियत समय-सीमा में किया जाना है तथा जिन पर लगातार मानीटरिंग जरूरी है उनके नोटशीट भी इस एप्लिकेशन के माध्यम से लिए जाएंगे। इस संबंध में जिला पंचायत में बैठक लेकर एप्लिकेशन के संबंध में अधिकारियों-कर्मचारियों को अवगत भी कराया गया।