इस बैठक में सरकार से 3 साल का बोनस, छुटे हुए गांव को फसल बीमा देने के साथ ही राजनांदगांव जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर कर्ज माफी की मांग पर चर्चा की जा रही है। इन्हीं मुद्दों को लेकर किसान संघ की ओर से बहुत जल्द एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
जिला स्तरीय बैठक में छुरिया,डोंगरगांव, राजनांदगांव, मानपुर, मोहला ,चौकी से किसान प्रतिनिधि उपस्थित हुए हैं। सभी किसान अपने अपने क्षेत्र के हालातों के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। किसान बता रहे हैं कि अगर सरकार की ओर से कर्ज माफी नहीं की गई तो जीवन यापन मुश्किल हो जाएगा। किसानों का कहना है की सरकार ने अपने घोषणापत्र में बोनस देने और समर्थन मूल्य 2100 करने की बात कही थी।
हालांकि आज तक इस घोषणा पर अमल नहीं हुआ है। पहले भी कई बार राजनांदगांव जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन से लेकर चक्काजाम तक किया गया है। किसानों को गिरफ्तारियां देनी पड़ी है। बावजूद सरकार ने मांग नहीं मानी है वही अब सूखे की चपेट में आने से फसल खराब हो गई है। ऐसी स्थिति में सरकार को राहत देने के लिए कड़ा कदम उठाना होगा।
जिला किसान संघ के प्रमुख सुदेश टीकम ने बताया कि दूसरे राज्य में किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ में किसान संगठन आवाज बुलंद कर रहा है। वहीं इस बैठक में आगामी आंदोलन की तिथि तय की जाएगी। सुदेश ने कहा कि सरकार को राजनांदगांव जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों की कर्ज माफी कर देनी चाहिए ताकि मजबूर किसानों को खुदखुशी जैसे कदम ना उठाने पड़े। किसान नेता सुदेश ने कहा कि बीमा कंम्पनी को जल्द से जल्द सर्वे कर अपनी रिपोर्ट देनी चाहिए। सरकार को चाहिए कि कृषि विभाग को सक्रिय कर आगामी वैकल्पिक फसलों के लिए किसानों को प्रेरित करे ताकि किसान भारी नुकसान से बच सकें।