एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की रैंकिंग में भी हम पहली बार टॉप पर पहुंचे हैं। इससे पहले अंबिकापुर व राजनांदगांव हमसे आगे चल रहे थे, लेकिन ये दोनों शहर भी अब हमसे पीछे हो गए हैं। यह अलग बात है कि एक लाख से कम आबादी वाले प्रदेश के बागबाहरा व सराईपाली अंकों के आधार पर हमसे बेहतर हैं।
0-स्वच्छता अभियान में भागीदारी के लिए 4484 लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन।
0-अब तक सभाई को लेकर 1558 7 शिकायतें की गई, इनमें से 15518 का निराकरण किया गया।
0-अब तक 1474 लोगों ने स्वच्छता एप डाउनलोड किया, इनमें से 1734 लगातार शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।
0 अब तक एप पर 5779 लोगों ने फीडबैक भी दिया है, जिसमें 5573 ने संतुष्टि जाहिर की है।
0 शहर के 4000 से ज्यादा घर जीरो वेस्ट।
0 300 दुकानों से नहीं निकलता कोई भी कचरा।
0 सभी सरकारी स्कूल जीरो वेस्ट व सबके पास कचरे से खाद बनाने की तकनीक।
0 सरकारी दफ्तर जीरो वेस्ट, निकलने वाले कचरे की रिसाइकलिंग के लिए सफाई मित्रों की नियुक्ति।
0 शहर के करीब 20 वार्ड, पॉश कालोनियां, धार्मिक स्थल जीरो वेस्ट।
0 दो दर्जन से ज्यादा संस्था समिति मुहिम में साथ।
0 सफाई संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए 100 से ज्यादा ब्रांड एम्बेसडर्स की नियुक्ति
0 प्रतिदिन 175 टन निकलने वाला कचरा घटकर 46 टन में सिमटा।
मापदंड – 2018 में
0 खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) – 30 प्रतिशत
0 ठोस कचरा एकत्रीकरण व ले जाना – 30 फीसदी
0 ठोस कचरे का निपटान – 25 फीसदी
0 सूचना, शिक्षा और संचार – 5 प्रतिशत
0 क्षमता विकास – 5 प्रतिशत
0 नवाचार – 5 प्रतिशत
कुल अंक – 4000
कमिश्नर एसके सुन्दरानी ने बताया कि देशभर के 4000 शहरों की प्रतिस्पर्धा में 20 नंबर पर होना बड़ी उपलब्धि है। इसमें पूरे शहर के लोगों की भागीदारी है। भागीदारी को बढ़ाकर और भी बेहतर स्थिति हासिल की जा सकती है। इसके लिए लोगों को और भी आगे आना चाहिए। रैंकिंग में बेहतर स्थिति का प्रयास जारी रहेगा।