सेक्टर 1 के नेहरू सांस्कृतिक मंच पर हुए वर्षा मंगल के कार्यक्रम में यह नाटक काबुलीवाला सभी के दिलों तक पहुंचा। गुरुदेव की यह कहानी 127 बरस पुरानी है,लेकिन जितनी बार इसका मंचन हुआ हर बार कुछ नया नजर आया।
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भिलाई. शताब्दी पूर्व में लिपिबद्ध गुरूदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर की कहानी.. काबुलीवाला ..छोटी सी मिनी जब अपनी तुतली आवाज में काबुलीवाला ओ काबुलीवाला पुकारती है तो काबुलीवाला भी मिनी की प्यारी बातों में खो जाता है। मंच पर जीवंत हो उठी इस कहानी को अधिकांश लोगों ने पढ़ा होगा, लेकिन जब मंच रवीन्द्र सुधा के मंच पर इस कहानी का मंचन किया तो हर चरित्र उभर कर सामने आया और नजर आया काबूलीवाले का अपनी बेटी और पत्नी को अफगान छोड़कर भारत आने का दर्द, गरीबी की वजह से दूसरे देश आकर रोटी का इंतजाम करना और बंगाली परिवार में अपनी बेटी की हमउम्र मिनी से वो स्नेह। मिनी से वह इतना स्नेह क्यों करता था? शायद इसके पीछे का दर्द मिनी के पिता को उस वक्त समझ आया जब काबुलीवाला सजा काटकर उस दिन वापस आया जब मिनी दुल्हन बनकर ससुराल जाने वाली थी।
मिनी के पिता ने जब कोरे कागज पर काबुलीवाले की बेटी के हाथों के निशान देखें तो उसे समझ आया कि आज उसकी बेटी भी शादी लायक हो गई होगी और तंगी की वजह से काबुलीवाला यहां है। आखिर मिनी के पिता ने पैसे की मदद कर काबुलीवाले को वापस अपने वतन लौटने का आग्रह किया।.. गुरुदेव की यह कहानी 127 बरस पुरानी है,लेकिन जितनी बार इसका मंचन हुआ हर बार कुछ नया नजर आया। कलाकारों के उम्दा अभिनय और बेकग्राउंड में नन्ही पूर्ति जैन की आवाज ने लोगों का दिल जीत लिया। पिछले दिनों सेक्टर 1 के नेहरू सांस्कृतिक मंच पर हुए वर्षा मंगल के कार्यक्रम में यह नाटक सभी के दिलों तक पहुंचा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बीएसपी के ईडी एस के बशर, विशिष्ट अतिथि ईडी मानस विश्वास, ताल एकेडमी की डायरेक्टर अंबिका नायक मौजूद थी। कार्यक्रम में अंचल संगीतज्ञ व गायक दीपेन्द्र हालदार एवं साहित्यकार सरला शर्मा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष गोविंद पाल, संचियता राय, विश्वसजीत सरकार, सांस्कृतिक सचिव मऊ रे सहित कई सदस्य मौजूद थे।
लाइव गीतों में नृत्य कार्यक्रम में रवीन्द्र नाथ टैगोर के लिखे गीतों को संस्था के सदस्यों ने हिन्दी और बांग्ला दोनों में ही गाया और इसमें मनीषा चौधरी एवं साथियों सहित गीता सोनी ने भी बेहतरीन डांस की प्रस्तुति दी। नाटक काबुलीवाला का हिन्दी नाट्य रुपांतरण संस्था की मऊ रे ने किया। साथ ही नाटक में काबुलीवाला का पात्र रितेश सिंह ने निभाया। पहली बार नाटक में अभिनय करने वाले रितेश का अभिनय भी काफी दमदार रहा। जकि इंद्रनील चटर्जी, इंद्राणी गंगाबासी, विश्वजीत सरकार, रणदीप बेनर्जी, अर्पिता चटर्जी, गीता गरेवाल, ईशा चटर्जी और आयुषी प्रसाद ने भी अपने पात्रों के साथ न्याय किया।