scriptगणतंत्र दिवस: पढि़ए ऐसे शख्स की कहानी जिसने खुद फीस देकर तैयार किए डॉक्टर, इंजीनियर, 23 साल से कर रहे गरीब छात्रों की मदद | Read the story of Chiranjeev Jain of Bhilai on Republic Day | Patrika News

गणतंत्र दिवस: पढि़ए ऐसे शख्स की कहानी जिसने खुद फीस देकर तैयार किए डॉक्टर, इंजीनियर, 23 साल से कर रहे गरीब छात्रों की मदद

locationभिलाईPublished: Jan 26, 2021 02:08:21 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

Republic Day 2021: सचदेवा न्यू पीटी कॉलेज के डायरेक्टर चिरंजीव जैन 23 वर्षो से मेडिकल और इंजीनियरिंग सहित प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करा रहे हैं।

गणतंत्र दिवस: पढि़ए ऐसे शख्स की कहानी जिसने खुद फीस देकर तैयार किए डॉक्टर, इंजीनियर, 23 साल से कर रहे गरीब छात्रों की मदद

गणतंत्र दिवस: पढि़ए ऐसे शख्स की कहानी जिसने खुद फीस देकर तैयार किए डॉक्टर, इंजीनियर, 23 साल से कर रहे गरीब छात्रों की मदद

भिलाई. समाज में अगर कुछ भलाई का काम करना हो तो ऐसे करो कि दाए हाथ से काम हो और बाएं हाथ को पता भी न चले। क्योंकि जब आप समाज में अपनी जिम्मेदारी निभाने कुछ बेहतर करते हैं तो आपकी ख्याति अपने आप ही फैलती चली जाती है। ऐसे ही एक शख्स है चिरंजीव जैन.., सचदेवा न्यू पीटी कॉलेज के डायरेक्टर। 23 वर्षो से मेडिकल और इंजीनियरिंग सहित प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करा रहे हैं। इनके कोचिंग से अब तक सैकड़ों डॉक्टर और इतने ही इंजीनियर्स निकल चुके हैं। पर इन सबके बीच इनकी पहचान एक अच्छे पैरेटिंग कोच के साथ-साथ एक ऐसे व्यक्ति के रूप में है जो होनहार जरूरतमंदों की हमेशा मदद करते हैं। अब तक उन्होंने कई युवाओं की फीस भर उनका कॅरियर बनाया है।
मदद के साथ बस एक वादा
राज्य से सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज के कॉर्डियो डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ कृष्णकांत साहू हो या कुरुद के मेडिकल ऑफिसर डॉ. हेमराज या फिर डॉ. दीपक निराला, डॉ. कुसुम ऐेेसे नामों की लंबी लिस्ट है जो मेडिकल की परीक्षा पास करने के बाद सिर्फ इसलिए परेशान थे कि उनके पास कॉलेज की फीस नहीं थी,लेकिन उनके गुरु चिरंजीव जैन ने रुपयों की खातिर उनकी पढ़ाई नहीं रुकने दी। बस उनकी फीस देकर एक वादा लिया कि जब तुम सक्षम बनो तो अपने जैसे किसी जरूरतमंद की मदद जरूर करना। इन छात्रों ने भी गुरु की बात को गांठ बांध ली। आज डॉ. हेमराज हर वर्ष एक मेडिकल छात्र की फीस भरते हैं तो डॉ. कृष्णकांत भी मदद को हमेशा तैयार होते हैं। चिरंजीव जैन बताते हैं कि ज्ञान कभी अमीर और गरीब में फर्क नहीं करता। शायद यही वजह है कि गांव के गरीब बच्चे भी होनहार निकलते हैं और शहर में सारी सुविधा पाकर भी बच्चे पढ़ नहीं पाते। उनका मानना है कि समाजसेवा करने हमें कही बाहर नहीं जाना पड़ता। हमारे आसपास इतने जरूरतमंद लोग है कि हम मदद कर उनकी प्रतिभा को निखार सकते हैं।
मन को सुकून
चिरंजीव बताते हैं कि वे छात्रों को फ्री कोचिंग और फीस भरकर उनकी मदद करते हैं, लेकिन जब वही छात्र एक सफल डॉक्टर बनकर कॉलेज से निकलता है तो उन्हें जो सुकून मिलता है उसे बयां करने उनके पास शब्द ही नहीं है। उनका कहना है कि अगर हम किसी की मदद के लिए सक्षम है तो हमें मदद का हाथ जरूर बढ़ाना चाहिए क्योंकि हमारी छोटी सी मदद उनके जीवन को बदल देती है।
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