दुर्ग कलेक्टर एमबीएएस की पढ़ाई करने के बाद आईएएस बने हैं। उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण से निपटने में उनकी मेडिकल की पढ़ाई का भरपूर लाभ मिल रहा है। यदि वे मेडिकल फील्ड से नहीं होते तो शायद डॉक्टर, मरीजों और मौजूदा हालात को बरीकी से नहीं समझ पाते। इस समय देशभर में अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है, बड़ी संख्या में लोग शहरों में लौट रहे हैं। इसलिए पूरा फोकस शहर मैनेजमेंट पर है। हजारों लोगों को क्वारंटाइन किया गया है और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच पर जोर दिया जा रहा है। ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। लोगों को पर्सनल सेफ्टी, मास्क, सैनिटाइजर और हेल्थ एजुकेशन के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।
दुर्ग कलेक्टर ने प्रशासनिक गलियारे के अलावा चिकित्सकीय सुविधाओं की तरफ भी तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि जिले के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को डेवलप किया जा रहा है ताकि लोगों को हर छोटी बीमारी के लिए शहरों की ओर दौड़ न लगाना पड़े। मुख्यमंत्री की पहल से भिलाई स्टील प्लांट के सेक्टर 9 अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए संसाधनों का अध्ययन किया जा रहा है। वहीं कोविड अस्पताल में भी सुविधाओं का विस्तार किया गया है। इसी वजह से यहां ठीक होने वाली मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना के साथ डेंगू को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को अलर्ट पर रखा गया है। निचले स्तर पर सर्वे को प्राथमिकता दी जा रही है।