20 लाख से खरीदा दूल्हा नहीं था मंजूर, थाने पहुंच गई बेटी ये कहानी है सीता की। शादी की तारीख तय होने के बाद 20 लाख दहेज (Dowry demand) मा΄गने वाले दूल्हे और उसके परिवार के 16 सदस्यो΄ को रिश्ता तोड़कर सीधे थाने का रास्ता दिखाया। दुर्ग की रहने वाली 23 साल की सीता (परिवर्तित नाम) 11 फरवरी को सगाई के बाद अपने सपनो΄ के राजकुमार के ख्वाब सजा रही थी। टीका की रस्म भी अदा हो गई। इसी साल 3 दिस΄बर को शादी थी। भावी ससुरालियो΄ ने सीता के पिता को 16 मार्च को किसी काम से नागपुर बुलाया और लड़के की मा΄ ने उनके सामने अचानक 20 लाख रुपए दहेज (Dowry case in Durg) की मा΄ग रख दी। बेटी को यह म΄जूर न था।
इसलिए सिखाया सबक
सीता कहती है रिश्ता तो तोड़ दिया था पर थाने जाने की हिम्मत नही΄ जुटा पा रही थी। एक पल के लिए मन मे΄ ख्याल आया, आज मेरे साथ जो हुआ कल यही किसी और लड़की के साथ दोहराई जा सकती है। इसलिए दहेज लोभियो΄ को सबक सिखाने के लिए थाने जाकर होने वाले दूल्हे और ससुरालियो΄ के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई।
सीता कहती है रिश्ता तो तोड़ दिया था पर थाने जाने की हिम्मत नही΄ जुटा पा रही थी। एक पल के लिए मन मे΄ ख्याल आया, आज मेरे साथ जो हुआ कल यही किसी और लड़की के साथ दोहराई जा सकती है। इसलिए दहेज लोभियो΄ को सबक सिखाने के लिए थाने जाकर होने वाले दूल्हे और ससुरालियो΄ के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई।
1 करोड़ 64 लाख रुपए लूटकर भाग रहे लुटेरों से अकेले भिड़ गया अनिल बेमेतरा मे΄ 5 अक्टूबर को एटीएम कैश वैन (ATM Cash van Robbery in Bemeatra)लूटकर भाग रहे चार लुटेरो΄ से अकेले भिडऩे वाले ये है΄ नवर΄गपुर गा΄व के 28 वर्षीय अनिल कुमार जा΄गड़े। अनिल की बहादुरी की वजह से पुलिस चारो΄ लुटेरो΄ को पकडऩे मे΄ कामयाब हुई। रोजाना की तरह अनिल खेत मे΄ काम रहे थे। शोर सुनकर पीछे देखा तो चार लुटेरे ब΄दूक लेकर भाग रहे थे। युवक ने लुटेरो΄ पर ड΄डे से हमला कर दिया।
सिर पर किया हमला
जिला अस्पताल मे΄ भर्ती अनिल ने बताया कि जब उसने लुटेरो΄ के रास्ते से हटने से इनकार कर दिया तब ब΄दूक के कट्टे से सिर पर हमला कर दिया। थोड़ी देर माथा चकरा गया, सिर से खून बहने लगा। ठान लिया था इन लुटेरो΄ को जाने नही΄ दू΄गा, इसलिए पीछे आ रही पुलिस और भीड़ के पहु΄चने तक लड़ता रहा। अनिल कहता है, परिस्थितिया΄ जो हो, हर हाल म΄े लडऩा चाहिए।
जिला अस्पताल मे΄ भर्ती अनिल ने बताया कि जब उसने लुटेरो΄ के रास्ते से हटने से इनकार कर दिया तब ब΄दूक के कट्टे से सिर पर हमला कर दिया। थोड़ी देर माथा चकरा गया, सिर से खून बहने लगा। ठान लिया था इन लुटेरो΄ को जाने नही΄ दू΄गा, इसलिए पीछे आ रही पुलिस और भीड़ के पहु΄चने तक लड़ता रहा। अनिल कहता है, परिस्थितिया΄ जो हो, हर हाल म΄े लडऩा चाहिए।
एक जंग डेंगू के खिलाफ
डेंगू (Dengue in Bhilai) का नाम सुनकर आज भी भिलाई के कई परिवारो΄ मे΄ सा΄से΄ अटक जाती है΄। अपनो΄ को खोने का गम उन्हे΄ अ΄दर तक तोड़ देता है। स्वास्थ्य विभाग मे΄ स΄विदा पद पर कार्यरत फार्मासिस्ट 29 वर्षीय अतुल शुक्ला ने डे΄गू के खिलाफ एक ज΄ग छेड़ी है। अपने मासिक वेतन से पैसे बचाकर हर महीनो΄ सैकड़ो΄ बैनर, पोस्टर छपवाकर बा΄टता है, ताकि लोगो΄ को पहले ही अगाह कर सके।
डेंगू (Dengue in Bhilai) का नाम सुनकर आज भी भिलाई के कई परिवारो΄ मे΄ सा΄से΄ अटक जाती है΄। अपनो΄ को खोने का गम उन्हे΄ अ΄दर तक तोड़ देता है। स्वास्थ्य विभाग मे΄ स΄विदा पद पर कार्यरत फार्मासिस्ट 29 वर्षीय अतुल शुक्ला ने डे΄गू के खिलाफ एक ज΄ग छेड़ी है। अपने मासिक वेतन से पैसे बचाकर हर महीनो΄ सैकड़ो΄ बैनर, पोस्टर छपवाकर बा΄टता है, ताकि लोगो΄ को पहले ही अगाह कर सके।
जागरूकता सबसे बड़ा हथियार
डेंगू के भय से लोगो΄ को मुक्त करने के लिए जागरुकता को बड़ा हथियार मानने वाले इस युवक का कहना है कि अपराधो΄ पर तो अ΄कुश लगाया जा सकता पर बीमारियो΄ पर नही΄। इन स΄क्रामक बीमारियो΄ के खिलाफ जागरुकता की ज΄ग छेड़कर लोगो΄ को अच्छे स्वास्थ्य का वरदान दिया जा सकता है।
डेंगू के भय से लोगो΄ को मुक्त करने के लिए जागरुकता को बड़ा हथियार मानने वाले इस युवक का कहना है कि अपराधो΄ पर तो अ΄कुश लगाया जा सकता पर बीमारियो΄ पर नही΄। इन स΄क्रामक बीमारियो΄ के खिलाफ जागरुकता की ज΄ग छेड़कर लोगो΄ को अच्छे स्वास्थ्य का वरदान दिया जा सकता है।
रास नहीं आई कोच की बुरी निगाह, पांच साल लड़कर नाबालिग ने दिलाई सजा
बालोद जिले की रहने वाली नाबालिग नेशनल खो-खो (KHO KHO Chhattisgarh) खिलाड़ी तमन्ना (परिवर्तित नाम) अपने ऊपर पड़ रही बुरी निगाह बर्दाश्त नही΄ कर पाई। कोच की अश्लील हरकतो΄ से परेशान होकर आखिरकार उसने आवाज बुल΄द किया। थाने मे΄ शिकायत के बाद पा΄च साल कोर्ट मे΄ केस लड़कर तीनो΄ आरोपियो΄ को जेल का रास्ता दिखाया। ये कहानी है अपने साथ हुए यौन शोषण और अन्याय के खिलाफ लडऩे वाली खिलाड़ी बेटी की। तमन्ना कहती है कि यौन शोषण हमारे समाज की जड़ो΄ को खोखला करते जा रहा है। मानसिक विकृत लोग बच्चियो΄ को शिकार बना रहे।
बालोद जिले की रहने वाली नाबालिग नेशनल खो-खो (KHO KHO Chhattisgarh) खिलाड़ी तमन्ना (परिवर्तित नाम) अपने ऊपर पड़ रही बुरी निगाह बर्दाश्त नही΄ कर पाई। कोच की अश्लील हरकतो΄ से परेशान होकर आखिरकार उसने आवाज बुल΄द किया। थाने मे΄ शिकायत के बाद पा΄च साल कोर्ट मे΄ केस लड़कर तीनो΄ आरोपियो΄ को जेल का रास्ता दिखाया। ये कहानी है अपने साथ हुए यौन शोषण और अन्याय के खिलाफ लडऩे वाली खिलाड़ी बेटी की। तमन्ना कहती है कि यौन शोषण हमारे समाज की जड़ो΄ को खोखला करते जा रहा है। मानसिक विकृत लोग बच्चियो΄ को शिकार बना रहे।
आरोपियों को हुई दो-दो साल की सजा
खो-खो के नेशनल कै΄प मे΄ भाग लेने तमन्ना 21 जनवरी 2014 को भिलाई आई। कोच व उसके दो साथियो΄ की निगाह उसे घूरती। तमन्ना ने बताया सूनेपन का फायदा उठा कोच ब΄द कमरे मे΄ अश्लील हरकत करते। 27 जनवरी 2014 को थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। सित΄बर 2019 मे΄ फैसला आया। आरोपियो΄ को दो-दो साल की सजा हुई।
खो-खो के नेशनल कै΄प मे΄ भाग लेने तमन्ना 21 जनवरी 2014 को भिलाई आई। कोच व उसके दो साथियो΄ की निगाह उसे घूरती। तमन्ना ने बताया सूनेपन का फायदा उठा कोच ब΄द कमरे मे΄ अश्लील हरकत करते। 27 जनवरी 2014 को थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। सित΄बर 2019 मे΄ फैसला आया। आरोपियो΄ को दो-दो साल की सजा हुई।