scriptदो हजार किमी. दूर पत्नी और बेटे फंसे लॉकडाउन में, अधेड़ पति कोरोना संकट में साथियों के साथ बन गया साइलेंट हीरो | Read the story of Silent Hero of Bhilai, feeding migrant workers | Patrika News

दो हजार किमी. दूर पत्नी और बेटे फंसे लॉकडाउन में, अधेड़ पति कोरोना संकट में साथियों के साथ बन गया साइलेंट हीरो

locationभिलाईPublished: May 25, 2020 05:51:04 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

साइलेंट हीरो की नेक सोच को अंजाम तक पहुंचाने के लिए वीआरएम गु्रप और इस्पात नगर गणेश उत्सव समिति भिलाई से जुड़े तीस युवाओं की टीम दिन रात काम कर रही है। (Coronavirus in chhattisgarh)

दो हजार किमी. दूर पत्नी और बेटे फंसे लॉकडाउन में, अधेड़ पति कोरोना संकट में साथियों के साथ बन गया साइलेंट हीरो

दो हजार किमी. दूर पत्नी और बेटे फंसे लॉकडाउन में, अधेड़ पति कोरोना संकट में साथियों के साथ बन गया साइलेंट हीरो

दाक्षी साहू @भिलाई. दो बेटों के साथ पत्नी लॉकडाउन में दो हजार किमी. दूर फंस गई है। घर पर अकेेले रह रहे पति को लाखों प्रवासी श्रमिकों की पीड़ा में अपने परिवार का दर्द नजर आने लगा। भिलाई निवासी अधेड़ पति ने बिना देर किए अपने साथियों के साथ मिलकर भूख, प्यास और थकान से बेहाल मजदूरों का पेट भरने का निश्चिय किया और देखते ही देखते सैकड़ों फूड पैकेट बनकर तैयार हो गए। अब हर रोज वे ड्यूटी से आकर अपनी टीम के साथ निकल जाते हैं भिलाई शहर से 15 किमी. दूर दुर्ग और राजनांदगांव की सीमा से गुजरने वाले नेशनल हाइवे 53 के अंजोरा चेक पोस्ट की ओर, जहां ट्रकों और मालवाहकों में सवार सैकड़ों भूखे श्रमिकों को फूड पैकेट और पानी देकर उनके चेहरे पर थोड़ी देर के लिए ही सही मुस्कान लाने की कोशिश करते हैं। ये वो शख्स हंै जो गुमनाम रहकर ही पीडि़त मानवता की सेवा को अपना सबसे बड़ा धर्म मानते हैं। जब हमने उनसे पहचान पूछी तो कहते हैं नाम का क्या करेंगे, कोरोना दौर में किसी के काम आ जाए यही सबसे बड़ा सम्मान है। संक्रमण के डर से जब सेवा कार्य के लिए इनकी टीम को फूड पैकेट बनाने के लिए कहीं जगह नहीं मिली तो साइलेंट हीरो ने खुद के घर को ही सेवा कार्य में समर्पित कर दिया।
किसी ने दिया राशन, किसी ने पैसा, कोई कर रहा श्रमदान
साइलेंट हीरो की नेक सोच को अंजाम तक पहुंचाने के लिए वीआरएम गु्रप और इस्पात नगर गणेश उत्सव समिति भिलाई से जुड़े तीस युवाओं की टीम दिन रात काम कर रही है। टीम के सदस्य अनूप डे ने बताया कि मई के महीने में बदन को बेहाल करने वाली गर्मी में पैदल और मालवाहकों में भरकर घर जाने को मजबूर प्रवासियों की पीड़ा देखकर दिल पसीज गया। तब किसी ने राशन, किसी ने पैसा तो कोई श्रमदान के जरिए फूड पैकेट बनाने में सहयोग कर रहा है। साइलेंट हीरो ने अपना पूरा घर ही इस काम के लिए दे दिया है।
साइलेंट हीरो के कोरोना वॉरियर बने टीम के ये सदस्य
वीआरएम क्लब भिलाई एवं गणेश उत्सव समिति इस्पात नगर के सदस्य वेंकट मूर्ती, अनूप डे, सीमांचलम, सकरिया, जॉन, चंद्राकर, भानू , चिन्ना सर, कुमार , विनोद रजक, मुकेश सिंह, वेंकट, सनत परिडा, कैलाश चौरसिया, हर्षल, धनंजय , कौशल, गजेंद्र, बाबू, रविंदर, कालीचरण, विकास, मोने, रवि चक्रवर्ती, शरद साहू, श्रीकांत बोरकर, लोकेश, टिकेंद्र साहू, प्रकाश राव एवं विनय पांडेय पिछले एक महीने से प्रवासी श्रमिकों की सेवा में जुटे हैं। साइलेंट हीरो के साथ कोरोना वॉरियर बनकर श्रमिकों के सफर को आसान कर रहे हैं। ताकि भूखे पेट कोई भी श्रमिक अपने घर का रास्ता नापने मजबूर न हो।
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