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उधार में किताब मांग कर बारी-बारी पढ़ते थे तीन भाई,एक डीआरएम,दो बड़े पदों पर

locationभिलाईPublished: Jul 29, 2019 01:30:15 pm

Submitted by:

Tara Chand Sinha

परिस्थिति चाहे कुछ भी हो, पढ़ाई कभी न छोड़ें। शिक्षा और ज्ञान की सीढ़ी आपको सफलता की मंजिल ओर ले जाती है। और आप आगे बढ़ते हैं। यह कहना है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर मंडल डीआरएम कौशल किशोर का।

Drm koushal kishor

फुटपाथ पर बिकने वाले किताब पढ़कर यह शख्स बना डीआरएम

भिलाई. परिस्थिति चाहे कुछ भी हो, पढ़ाई कभी न छोड़ें। शिक्षा और ज्ञान की सीढ़ी आपको सफलता की मंजिल ओर ले जाती है। और आप आगे बढ़ते हैं। यह कहना है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर मंडल डीआरएम कौशल किशोर का।
डीआरएम रायपुर के सिविल लाइन स्थित वृंदावन हॉल में पैरेंट्स एप्रिसिएशन डे विषय पर बोल रहे थे। जहां उन्होंने पालक, युवक-युवती और बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी लिमिट खुद तय करनी चाहिए। परिस्थिति जैसे भी हो, सोच पाजिटिव रखें। हर संपन्न व्यक्ति ही सफल होता है। यह जरूरी नहीं है। आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति भी सफल होता है, लेकिन उसके लिए ढृढ़ संकल्प, मेहनत और पॉजिटिव सोच जरूरी है। चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थिति रहे, लक्ष्य के प्रति शंका नहीं होना चाहिए। जो ऐसा करेगा। उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता।
मां पढ़ी लिखी नहीं, पढ़ाई के लिए किया मोटिवेट
उन्होंने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि मेरी मां पढ़ी-लिखी नहीं है। फिर भी उन्होंने तीनों भाईयों को पढ़ाई के लिए ऐप्रिसिएट किया। परिस्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रेरित किया। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हर महीना पत्र-पत्रिकाएं खरीदने के लायक स्थिति नहीं थी। इसलिए वह फुटपाथ पर बिकने वाली पत्र-पत्रिकाओं को आधी कीमत पर खरीदकर कर घर लाता था। उसे पढ़कर परीक्षा की तैयारी करते थे। वह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में आपके सामने खड़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके दोनों भाई भी अच्छी जगहों पर नौकरी कर रहे हैं।

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